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कोरोना वायरस को लेकर गुजरात के शिक्षक चिंतित, शिक्षा सचिव को खत लिखकर की शिकायत

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अहमदाबाद: चीन से शुरु होने वाला कोरोना वायरस अब दुनिया के ज्यादातर देशों में दस्तक दे चुका है. इस वायरस के बढ़ते कहर की वजह से लोगों में दहशत फैला हुआ है. जहां देश के ज्यादातर राज्यों अगले आदेश तक स्कूल-कॉलेज बंद रखने की घोषणा की है. वहीं दूसरी तरफ गुजरात सरकार ने भी पिछले रविवार को 29 मार्च तक स्कूल-कॉलेज, मॉल और सिनेमा घरों को बंद रखने का ऐलान किया है. माना जा रहा है कि छात्रों के स्वास्थ्य को लेकर ये फैसला लिया गया है. लेकिन शिक्षकों को आज भी स्कूल में कॉलेज में उपस्थित रखने का आदेश दिया गया है. मामले को लेकर शहर के एक शिक्षक ने राज्य के मुख्य सचिव को पत्र लिखकर शिक्षकों के स्वास्थ्य को अनदेखा करने की शिकायत की है. उन्होंने लिखा, “जब छात्र नहीं होते तो स्कूल में शिक्षकों को क्यों बुलाया जा रहा है? शैक्षणिक वर्ष समाप्त हो गया है और रिपोर्ट कार्ड भी दिया जा चुका है. तो क्या हम संक्रमित होने का इंतजार कर रहे हैं?

कोरोना वायरस के बढ़ते आतंक के बीच गुजरात सरकार ने सभी पार्टी प्लोट के पंजीकरण को रद्द कर दिया है. जिसकी वजह से लोग अपने कार्यक्रम को तय समय पर करने के लिए अब निजी पार्टी प्लोट की तलाश कर रहे हैं. वहीं दूसरी ओर सरकार ने भीड़भाड़ वाली जगह जैसे सिनेमा घर, हेरीटेज इमारत, कांकरिया तालाब, गांधी आश्रम जैसी जगहों को बंद कर दिया है. सरकार ने सभी स्कूल- कॉलेजों में 15 दिनों के लिए सार्वजनिक अवकाश दिया है, लेकिन शिक्षकों को स्कूल में उपस्थित रहने का निर्देश दिया गया है.

कोरोना वायरस के बढ़ते खतरे को देखते हुए, सरकार ने लोगों को एक साथ जमा नहीं होने का भी आदेश दिया है. इस मामले को लेकर गुजरात सरकार के शिक्षा सचिव विनोद राव ने कहा, “COVID-19 को ‘आपदा’ घोषित किया गया है. महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने वाले सभी कर्मचारी पहले की तरह कार्य करेंगे. शिक्षक भी महत्वपूर्ण सेवाएं प्रदान करने वाले कर्मचारियों में शामिल हैं. जिस तरह सेना, पुलिस और डॉक्टर अपनी ड्यूटी नहीं छोड़ सकते, वैसे ही शिक्षक भी अपना कर्तव्य नहीं भूल सकते.

गुजरात सरकार के शिक्षा सचिव विनोद राव को खत लिखकर शिकायत करने वाले शिक्षकों ने कहा कि “हमारे यहां 200 लोगों का स्टाफ है. सभी लोग हर दिन स्कूल आते हैं, हम अगले शैक्षणिक सत्र के लिए अग्रिम तैयारी कर रहे हैं. अकादमिक वर्ष के अधिकांश काम किए जाने का हवाला देते हुए, एक अन्य शिक्षक ने कहा, “यदि हम में से कोई भी संक्रमित होता है तो हम अन्य लोगों और उनके परिवारों को जोखिम में डाल सकते हैं.

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