नागरिकता संशोधन कानून को लेकर विरोध करने वाले लोगों को देश छोड़कर जाने से पहले गुजरात के उपमुख्यमंत्री सचिवालय में गैर गुजरातियों को देखकर परेशान होते थे. लेकिन उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल कई बार धार्मिक प्रोग्राम में सरकार में होने के बावजूद उनको कितनी परेशानी होती है उसकी व्यथा सुनाते रहते हैं. अहमदाबाद में आयोजित विश्व उमिया फाउंडेशन के दौरान दिये गए बयान पर एक बार फिर से चर्चा शुरु हो गई है.
प्रोग्राम में हिस्सा लेते हुए नितिन पटेल ने कहा कि “मुझे अकेला करने की कोशिशें की जा रही हैं. लेकिन समय के साथ, मैं याद आ जाता हूं. क्योंकि मां उमिया का मुझे आशीर्वाद मिला है. आप टीवी में और अखबार में भी देख चुके होंगे कि मैं एक तरफ अकेला हूं और दूसरे तरफ लोग हैं. आज मैं आप सभी के समर्थन से बोलता हूं और पार्टी के कार्यकर्ता के रूप में बोल रहा हूं. उचित जगह पर मुझे चीजें याद आ जाती हैं, क्योंकि मुझे उमिया मां का आशीर्वाद मिला है. कुछ लोगों को यह नहीं पसंद है”.
गौरतलब है कि, इससे पहले भी नितिन पटेल इस तरह के कई बयान दे चुके हैं. इतना ही नहीं नितिन पटेल को वित्त मंत्री का खाता हासिल करने के लिए भी लंबा संघर्ष करना पड़ा था. इतना ही नहीं कई बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रोग्राम में भी उनके फोटो और नाम का उल्लेख नहीं करने की भी खबर मिलती रही है. ऐसे में नितिन पटेल गुजरात सरकार में इतना बड़ा पद हासिल करने के बाद भी अपनी ही पार्टी के अंदर किन परेशानियों से दो चार हो रहे हैं उसकी व्यथा उन्होंने लोगों के सामने पेश की वह भी गुजरात बीजेपी अध्यक्ष जीतू वाघानी, सीएम विजय रुपाणी और गुजरात बीजेपी विधायकों की मौजदगी में.