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गुजरात के शिक्षित बेरोजगारों का सोशल मीडिया पर आक्रोश, ट्विटर पर कर रहा है ट्रेंड

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अहमदाबाद: गुजरात के शिक्षित बेरोजगारों ने डिजिटल प्लेटफॉर्म पर एक अभियान शुरू किया गया है. जिसमें सरकारी विभागों में नौकरियों की मांग को लेकर चुनाव का बहिष्कार करने की धमकी दी है. ट्विटर के हैशटैग टोप ट्रेंड में #first_employment_then_election (#પહેલા_રોજગારી_પછી_ચૂંટણી) कर रहा है. इस ट्रेंड पर लाखों की संख्या में ट्वीट- रिट्वीट किए जा रहे हैं. युवाओं ने 10 लाख ट्वीट का लक्ष्य रखा है.

गुजरात में सरकारी नौकरी पाने के लिए युवा लंबे समय से आंदोलन कर रहे हैं. बावजूद इसके लंबे समय से गुजरात सरकार सरकारी भर्ती पर रोक लगा रखी है. इसीलिए शिक्षित बेरोजगार सोशल मीडिया पर #first_employment_after_elections के हैशटैग के साथ अपनी नाराजगी व्यक्त कर रहे हैं. इतना ही नहीं शिक्षित बेरोजगार चुनाव के बहिष्कार करने का भी धमकी दे रहे हैं. ट्विटर पर #First_employment_then_elections हैशटैग पहले नंबर पर ट्रेंड कर रहा है. इस हैशटैग पर अब तक 4 लाख से अधिक ट्वीट हो चुके हैं.

शिक्षित बेरोजगार सोशल मीडिया अभियान चलाकर मांग कर रहे हैं कि सरकार सरकारी नौकरी पर लगा रखे रोक को खत्म करे. इस सिलसिले में जानकारी देते हुए पाटिदार नेता दिनेश बांबणिया ने कहा कि सरकारी नौकरी की राह देख रहे गुजरात के शिक्षित बेरोजगार नौजवान इस #first_employment_after_election इस हैशटैग से ट्वीट कर हमारे इस अभियान का हिस्सा बन रहे हैं.

गौरतलब है कि 2020 और 2021 में 35,000 से अधिक कर्मचारी सेवानिवृत्त हो रहे हैं. जिसकी वजह से राज्य में 35 हजार जगह खाली हो जाएगी. एलआरडी, बिन सचिवालय, तलाटी और शिक्षकों की भर्ती पिछले कुछ वर्षों से रुकी हुई है. इसके अलावा, विभिन्न कारणों से कई परीक्षाएं भी रद्द कर दी गई हैं. गुजरात के शिक्षित युवा सरकार पर सरकारी नौकरियों में जातिवाद का आरोप लगाया है. माना जा रहा है सोशल मीडिया जारी इस आंदोलन से गुजरात में होने वाले उपचुनाव में बड़ा असर पड़ सकता है.

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