गांधीनगर: कोरोना की मौजूदा स्थिति को ध्यान में रखकर सरकार ने लॉकडाउन के बजाय सख्त पाबंदियों को लागू किया है.
महाराष्ट्र में गरीब श्रमिकों को एक महीने के लिए मुफ्त भोजन के साथ-साथ नकद सहायता प्रदान करने की घोषणा की गई है. ताकि श्रमिक समुदाय के लोगों को भूखे पेट ना रहना पड़े. इससे सबक लेते हुए गुजरात में भाजपा सरकार को लाखों श्रमिकों और गरीबों को मुफ्त भोजन और नकद सहायता प्रदान करने के लिए तत्काल निर्णय लेना चाहिए. Gujrat workers seeking financial assistance
कांग्रेस नेता और अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के पूर्व महासचिव और मध्य प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया ने मांग की है.
बाबरिया ने कहा कि गुजरात सरकार को विज्ञापन और असाधारण सरकारी खर्च रोक कर राज्य के अर्ध-भुखमरी की स्थिति का सामना कर रहे लोगों को तुरंत राहत प्रदान शुरू करना चाहिए.
दीपक बाबरिया ने गुजरात सरकार से की मांग ujrat workers seekinGg financial assistance
दीपक बाबरिया ने आगे कहा कि गुजरात में भी कोरोना की गंभीर स्थिति के कारण, सभी आर्थिक गतिविधियों, व्यापार, उद्योगिक गतिविधियों को आंशिक रूप से बंद कर दिया गया है. Gujrat workers seeking financial assistance
जिसकी वजह से लाखों श्रमिक अर्ध-भुखमरी की स्थिति में पहुंच गए हैं. इन परिस्थितियों में जिस तरह से महाराष्ट्र सरकार ने एक महीने के लिए शिव भोजन थाली मुफ्त देने की घोषणा की है.
इसके अलावा यह भी सुनिश्चित करने की कोशिश की गई है कि किसी श्रमिक की आजीविका बाधित न हो इसलिए 12 लाख श्रमिकों को दो हजार रूपये की आर्थिक सहायता भी देने की घोषणा की गई है. Gujrat workers seeking financial assistance
6 हजार रुपया नकद सहायता देने की मांग Gujrat workers seeking financial assistance
बाबरिया ने आगे कहा कि राहुल गांधी द्वारा की गई मांगों के अनुसार, ठेला लगाकर अपना जीवन यापन करने वाले और रिक्शा चालकों को भी 6 हजार देना चाहिए ताकि उनकी कठिनाइयों को कम किया जा सके.
नकद सहायता दलित-आदिवासी और आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को भी देना चाहिए. Gujrat workers seeking financial assistance
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