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आतंकी सरगना हाफिज सईद को अदालत ने सुनाई साढ़े 10 साल की सजा

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पाकिस्तान की एक अदालत ने मुंबई हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को आतंकी मामलों में साढ़े 10 साल जेल की सजा सुनाई है. इसके साथ ही कोर्ट ने सईद की सारी संपत्ति जब्त करने का भी आदेश दिया है. अदालत ने हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को दो और आतंकी हमले के मामले में सजा सुनाई है.

हाफिज सईद (Hafiz Saeed) के साथ जफर इकबाल, याहया मुजाहिद और अब्दुल रहमान मक्की को भी साढ़े 10 साल की जेल की सजा सुनाई गई है.

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मालूम हो कि इस साल हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को चौथी बार सजा सुनाई गई है. आतंकी इस समय लाहौर में एक और टेरर फंडिंग मामले में 5 साल की सजा काट रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक, सईद पर आतंक वित्तपोषण, धनशोधन, अवैध रूप से जमीन हड़पने समेत 29 मामले चल रहे हैं.

पहले मिली थी 11 साल की सजा

बीते साल फरवरी में लाहौर में एंटी टेरेरिज्म कोर्ट ने आतंकी गतिविधियों में आर्थिक मदद पहुंचाने को लेकर हाफिज सईद (Hafiz Saeed) को 11 साल की सजा सुनाई थी. मुंबई में 2008 में हुए आतंकी हमले में हाफिज सईद (Hafiz Saeed) भारत में वांटेड है. इस हमले में 10 आतंकवादियों ने 166 मासूमों को मौत के घाट उतार दिया था. वहीं सैकड़ों लोग घायल हो गए थे. संयुक्त राष्ट्र और अमेरिका ने पहले ही सईद को ‘वैश्विक आतंकी’ घोषित किया हुआ है.

छवि सुधारने में जुटा है पाकिस्तान

इन कार्रवाइयों के पीछे की वजह यह है कि पाकिस्तान खुद को कैसे भी फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) की ग्रे लिस्ट से खुद को बाहर निकालना चाहता है. इसके लिए उसे आतंकवादियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करनी पड़ेगी. इसी कारण पाकिस्तान ने इन आतंकवादियों को मोस्ट वॉन्टेड की लिस्ट में डाला है. अगर पाकिस्तान ग्रे लिस्ट में बना रहता है तो उसकी आर्थिक स्थिति का और बेड़ा गर्क होना तय है. पाकिस्तान को अंतरराष्‍ट्रीय मुद्राकोष (आईएमएफ), विश्‍व बैंक और यूरोपीय संघ से आर्थिक मदद मिलना भी मुश्किल हो जाएगा.

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