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पाटीदार आंदोलन हिंसा मामला, सुप्रीम कोर्ट ने दी हार्दिक को बड़ी राहत, 6 मार्च तक गिरफ्तारी पर रोक

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गुजरात कांग्रेस नेता और गुजरात के पाटीदार समुदाय के लोगों को आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल पिछले काफी दिनों से लापता चल रहे हैं. हार्दिक का परिवार गुजरात सरकार पर उनकी आवाज को दबाने और उन्हे निशाना बनाकार परेशान करने का आरोप लगा चुका है. लेकिन इस बीच आज देश की सबसे बड़ी अदालत ने हार्दिक पटेल को बड़ी राहत दी है. सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में गुजरात में पाटिदार आंदोलन के वक्त हुई हिंसा मामले में हार्दिक पटेल की 6 मार्च तक अग्रिम जमानत दे दी है.

इसके अलावा, उच्चतम न्यायालय ने पाटीदार आंदोलन में हिंसा के मामले में अपने खिलाफ दर्ज प्राथमिकी रद्द करने के अनुरोध वाली हार्दिक पटेल की याचिका पर गुजरात सरकार से जवाब मांगा है. दरअसल, कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल ने 2015 के विसनगर दंगा मामले में उन्हें दोषी ठहराये जाने के फैसले पर रोक लगाने की अर्जी खारिज करने के गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दी है.

गौरतलब हो कि 25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हुई विशाल पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुए राज्यव्यापी तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में दर्ज किया था. इसमें कई सरकारी बसें, पुलिस चौकियां और अन्य सरकारी संपत्ति में आगजनी की गई थी तथा इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत लगभग दर्जन भर लोग मारे गए थे जिनमें कई पुलिस फायरिंग के चलते मरे थे. पुलिस ने आरोप पत्र में हार्दिक और उनके सहयोगियों पर चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए हिंसा फैलाने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया था.