कृषि संबंधित बिल लाने वाली मोदी सरकार को एक बड़ा झटका लगा है. केंद्रीय मंत्री और शिरोमणि अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) ने मोदी कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है. हरसिमरत (Harsimrat Kaur Badal) कौर बादल केंद्रीय खाद्य एवं प्रसंस्करण उद्योग मंत्री थीं.
मालूम हो कि बीजेपी (BJP) की सहयोगी शिरोमणि अकाली दल अध्याधेश का विरोध कर रही है. गुरुवार को जब बिल को लोकसभा में पेश किया गया तो शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने विरोध किया. उन्होंने सरकार को बड़ा झटका देते हुए कहा कि हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) मंत्रीपद से इस्तीफा देंगी. हालांकि, शिरोमणि अकाली दल का सरकार को समर्थन जारी रहेगा.
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इसके बाद शाम में हरसिमरत कौर (Harsimrat Kaur Badal) ने ट्विटर पर लिखा, ”मैंने किसान विरोधी अध्यादेशों और कानून के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया है. किसानों के साथ उनकी बेटी और बहन के रूप में खड़े होने पर गर्व है.”
I have resigned from Union Cabinet in protest against anti-farmer ordinances and legislation. Proud to stand with farmers as their daughter & sister.
— Harsimrat Kaur Badal (@HarsimratBadal_) September 17, 2020
मालूम हो कि केंद्रीय खाद्य प्रसंस्करण मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) मोदी सरकार में अकाली दल की एकमात्र प्रतिनिधि हैं. अकाली दल, बीजेपी की सबसे पुरानी सहयोगी पार्टी रही है.
सुखबीर सिंह बादल ने दी थी जानकारी
इससे पहले शिरोमणि अकाली दल नेता सुखबीर सिंह बादल ने लोकसभा में कहा कि पार्टी नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल (Harsimrat Kaur Badal) संसद में लाये गये कृषि संबंधी विधेयकों के विरोध में केंद्र की मोदी सरकार से इस्तीफा देंगी.
कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्द्धन और सुविधा) विधेयक-2020 और कृषक (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) कीमत आश्वासन समझौता और कृषि सेवा पर करार विधेयक-2020 पर चर्चा में भाग लेते हुए सुखबीर बादल ने कहा, ‘‘शिरोमणि अकाली दल किसानों की पार्टी है और वह कृषि संबंधी इन विधेयकों का विरोध करती है.’’
आज ही पेश हुआ था बिल
इससे पहले गुरुवार को कृषक उपज व्यापार और वाणिज्य विधेयक, 2020 और कृषक कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार विधेयक, 2020 को लोकसभा में पेश किया गया. कृषि और ग्रामीण विकास मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने विधेयक के फायदे गिनाए और बताया कि ये किसानों के लाभ के लिए हैं.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि ये विधेयक खेती को मुनाफे में लाने वाले, किसानों को आजादी दिलाने वाले हैं. इस विधेयक से किसानों को अपनी उपज किसी भी स्थान से किसी भी व्यक्ति को बेचने का अधिकार होगा. केंद्रीय मंत्री ने कहा कि इससे निजी निवेश गांव तक पहुंचेगा और रोजगार बढ़ेगा. किसान अच्छी फसलों की तरफ आकृषित होगा. कृषि निर्यात को बढ़ावा मिलेगा.
क्यों हो रहा है बिल का विरोध
बिल पेश किया गया तो शिरोमणि अकाली दल के सांसद सुखबीर सिंह बादल ने विरोध किया. गौरतलब है कि मॉनसून सत्र के पहले दिन सोमवार को सरकार की ओर से कृषि में सुधार के कार्यक्रमों को लागू करने और किसानों की आय बढ़ाने के मकसद से लाए गए 3 विधेयक लोकसभा में पेश किए गए. ये तीनों विधेयक कोरोना काल में 5 जून, 2020 को अधिसूचित 3 अध्यादेशों का स्थान लेंगे.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020 और किसानों (सशक्तिकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 लोकसभा में पेश किया जबकि आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 उपभोक्ता मामले, खाद्य एवं सार्वजनिक वितरण राज्यमंत्री राव साहेब पाटिल दानवे ने पेश किया था.
हालांकि कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी समेत कई अन्य विपक्षी सांसदों का कहना है कि सुधारों के नाम पर लाए गए इन कानूनों के जरिए पूंजीपति और कंपनियां किसानों का दोहन करेंगी.