हाथरस गैंगरेप केस (Hathras Gangrape Case) में लगातार उत्तर प्रदेश पुलिस की भूमिका पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं. इसी बीच उत्तर प्रदेश पुलिस के एडीजी (लॉ एंड ऑर्डर) प्रशांत कुमार ने मंगलवार को दावा किया कि हाथरस में 19 साल की युवती के साथ रेप नहीं हुआ. उन्होंने बताया कि युवती की मौत गले में चोट लगने और उसके कारण हुए सदमे की वजह से हुई थी.
प्रशांत कुमार ने बताया कि, फॉरेंसिक साइंस लैब की रिपोर्ट से भी यह साफ जाहिर होता है कि उसके साथ बलात्कार नहीं हुआ.
एडीजी कुमार ने कहा,
”लड़की की मौत गर्दन में चोट लगने और मानसिक आघात के कारण हुई. सामाजिक सौहार्द बिगाड़ने और जातीय हिंसा भड़काने के लिए कुछ लोग तथ्यों को गलत तरीके से पेश कर रहे हैं. हम देखेंगे कि ऐसा कौन कर रहा है.”
प्रशांत कुमार ने कहा कि वारदात (Hathras Gangrape Case) के बाद युवती ने पुलिस को दिए बयान में भी अपने साथ बलात्कार होने की बात नहीं कही थी. उन्होंने कहा कि उसने सिर्फ मारपीट किए जाने का आरोप लगाया था.
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‘सीएम योगी मामले को लेकर गंभीर’
अपर पुलिस महानिदेशक ने कहा कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले (Hathras Gangrape Case) की गंभीरता को देखते हुए इसकी जांच के लिए विशेष अनुसंधान दल गठित किया.
उन्होंने कहा कि इस घटना में जो लोग भी शामिल हैं उन्हें कतई बख्शा नहीं जाएगा.
उन्होंने कहा, ‘मेडिकल रिपोर्ट आने से पहले ही सरकार के खिलाफ गलत बयानी की गई और पुलिस की छवि को खराब किया गया. हम पड़ताल करेंगे कि यह सब किसने किया. यह एक गंभीर मामला है और सरकार तथा पुलिस महिलाओं के प्रति होने वाले अपराधों को लेकर बेहद संजीदा है.’
14 सितंबर की घटना
मालूम हो कि 14 सितंबर को हाथरस जिले के चंदपा थाना क्षेत्र स्थित एक गांव की रहने वाली 19 वर्षीय दलित लड़की से कथित तौर पर सामूहिक बलात्कार (Hathras Gangrape Case) किया गया था. लड़की को रीढ़ की हड्डी में चोट और जीभ कटने की वजह से पहले अलीगढ़ के जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया था. उसके बाद उसे दिल्ली स्थित सफदरजंग अस्पताल ले जाया गया था, जहां मंगलवार तड़के उसकी मौत हो गई थी.
इसके बाद पुलिस ने रात में करीब तीन बजे लड़की का अंतिम संस्कार किया. परिवार वालों का दावा है कि उन्हें लड़की का चेहरा तक नहीं देखने दिया गया. इसी को लेकर प्रशासन पर लगातार सवाल उठ रहे हैं. इसको लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन भी हो रहे हैं.