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शहरों व नगर पालिका क्षेत्रों में हेलमेट की अनिवार्यता खत्म क्यों, मुख्य सचिव से मांगा स्पष्टीकरण

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गांधीनगर: पूरे देश में लागू मोटर वाहन अधिनियम लागू होने के बाद गुजरात सरकार ने इस कानून को लागू कर दिया जिसके बाद हेलमेट पहनने को लेकर कड़ा कानून गुजरात में भी लागू हो गया. उसके बाद अचानक ही हेलमेट शहरी और नगर पालिका इलाकों में पहनने की अनिवार्यता को खत्म कर इसे वाहन चालकों की मर्जी पर छोड दिया. ऐसे में अब इस मामले को लेकर गुजरात सरकार को जवाब देना पड़ेगा. भारतीय सड़क सुरक्षा परिषद ने गुजरात ने मुख्य सचिव अनिल मुकीम से स्पष्टीकरण मांगा है और पूछा है कि राज्य में हेलमेट पहनने से छूट क्यों दी गई.

उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार द्वारा मोटर वाहन अधिनियम को लागू करने के बाद, गुजरात सरकार ने यातायात नियमों को लागू कर दंड में वृद्धि किया था और हेलमेट पहनना भी अनिवार्य कर दिया. नया ट्रैफिक कानून लागू होने के बाद पुलिस ने हेलमेट न पहनने वाले दोपहिया वाहन चालकों से लाखों रुपये का जुर्माना वसूला गया. गुजरात में हेलमेट को अनिवार्य करने के मामले को लेकर कई जगहों पर सार्वजनिक विरोध प्रदर्शन भी किया गया.

गुजरात के अलग-अलग जिला में होने वाले विरोध प्रदर्शन को मद्देनजर रखते हुए गुजरात सरकार ने 5 दिसंबर को शहरी और नगर पालिका के हद में चलने वाले दोपहिया वाहन चालकों को बड़ी खुशखबरी देते हुए हेलमेट अनिवार्य के फैसले को खत्म करते हुए इसे वाहन चालकों की मर्जी पर छोड दिया था.