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गुजरात हाईकोर्ट ने दी हार्दिक पटेल को बड़ी राहत, 9 मार्च तक गिरफ्तारी पर रोक

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गुजरात कांग्रेस नेता और पाटीदार समुदाय के लोगों को आरक्षण देने की मांग को लेकर आंदोलन की अगुवाई करने वाले हार्दिक पटेल पिछले काफी दिनों से लापता चल रहे हैं. हार्दिक का परिवार गुजरात सरकार पर उनकी आवाज को दबाने और उन्हे निशाना बनाकार परेशान करने का आरोप लगा चुका है. लेकिन इस बीच देश की सबसे बड़ी अदालत के बाद गुजरात हाईकोर्ट ने हार्दिक पटेल को बड़ी राहत दी है.

हाईकोर्ट ने पाटीदार आरक्षण आंदोलन के मामले में हार्दिक पटेल को अंतरिम राहत दी है. पुलिस सोमवार तक हार्दिक पटेल को गिरफ्तार नहीं कर सकती. गुजरात उच्च न्यायालय ने आदेश देते हुए कहा कि, गैर-जमानती वारंट के बावजूद, हार्दिक को गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है. हार्दिक पटेल राजद्रोह मामले में अनुपस्थित रहते थे जिसकी वजह से सेसन्श कोर्ट ने गैर-जमानती वारंट इश्यू किया था. इस गैर जमानती वारंट को हार्दिक ने गुजरात उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर चुनौती दी है.


याचिका पर सुनवाई करते हुए गुजरात उच्च न्यायालय ने हार्दिक को बड़ी राहत दी है. यानी हार्दिक को सोमवार 9 मार्च तक गिरफ्तार नहीं किया जा सकता है.

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने कांग्रेस नेता और पाटीदार आंदोलन के प्रमुख हार्दिक पटेल की गिरफ्तारी पर छह मार्च तक रोक लगाते हुए गुजरात सराकर को नोटिस जारी किया था. कोर्ट ने गुजरात में 2015 में हुए पाटीदार आंदोलन के दौरान हिंसा के मामले में कांग्रेस नेता हार्दिक पटेल को छह मार्च तक के लिए अग्रिम जमानत दिया था.

गौरतलब हो कि 25 अगस्त 2015 को अहमदाबाद के जीएमडीसी मैदान में हुई विशाल पाटीदार आरक्षण समर्थक रैली के बाद हुए राज्यव्यापी तोड़फोड़ और हिंसा को लेकर क्राइम ब्रांच ने उसी साल अक्टूबर में दर्ज किया था. इसमें कई सरकारी बसें, पुलिस चौकियां और अन्य सरकारी संपत्ति में आगजनी की गई थी तथा इस दौरान एक पुलिसकर्मी समेत लगभग दर्जन भर लोग मारे गए थे जिनमें कई पुलिस फायरिंग के चलते मरे थे. पुलिस ने आरोप पत्र में हार्दिक और उनके सहयोगियों पर चुनी हुई सरकार को गिराने के लिए हिंसा फैलाने का षडयंत्र करने का आरोप लगाया था.