इस साल के अंत में होने वाले अमेरिकी चुनाव को लेकर सरगर्मियां तेज हो रही हैं. अमेरिका में डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से भारतीय मूल की कमला हैरिस को उप राष्ट्रपति का उम्मीदवार बनाया गया है.
गुरुवार को हिलेरी क्लिंटन ने कमला हैरिस का समर्थन किया.
क्लिंटन ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि साल 2016 में उनके मुकाबले कमला हैरिस को कम लिंगभेदी मीडिया कवरेज का सामना करना पड़े.
पूर्व अमेरिकी विदेश सचिव हिलेरी क्लिंटन ने कहा,
‘मुझे अब भी उम्मीद है, खास कर रमला को लेकर कि राष्ट्रपति और उप राष्ट्रपति की दौड़ में शामिल महिलाओं की मीडिया कवरेज कम लिंगभेदी और कम सनसनीखेज होगी.’
हिलेरी ने यह बात एक समाचार संगठन की ओर से आयोजित ऑनलाइन कार्यक्रम में कही.
जो बाइडेन ने बनाया है उम्मीदवार
राष्ट्रपति पद के लिए डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ डेमोक्रेट उम्मीदवार जो बाइडेन ने कमला को अपना रनिंग मेट चुना है.
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55 वर्षीय कमला हैरिस इस समय अमेरिका के कैलिफोर्निया से सीनेटर हैं.
अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा भी हैरिस की सराहना करते रहे हैं.
ऐसा पहली बार हुआ है, जब कोई अश्वेत महिला देश की किसी बड़ी पार्टी की ओर से उपराष्ट्रपति पद की उम्मीदवार बनी है. यदि हैरिस उपराष्ट्रपति बन जाती हैं, तो वह इस पद पर काबिज होने वाली अमेरिका की पहली महिला होंगी और देश की पहली भारतीय-अमेरिकी और अफ्रीकी-अमेरिकी उपराष्ट्रपति होंगी.
भारत के खिलाफ कमला का रवैया
कमला हैरिस जीतने के बाद भारत के प्रति क्या रुख अपनाएंगी, ये तो वक्त ही बताएगा>
लेकिन उनका अब तक का रिकॉर्ड नई दिल्ली के पक्ष में नहीं रहा है.
चूंकि कमला भारतीय मूल की हैं, इसलिए अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के दिल में उनके प्रति सॉफ्ट कॉर्नर हो सकता है.
लेकिन भारत सरकार की नीतियों को लेकर हैरिस ‘सॉफ्ट’ नहीं रही हैं.
हैरिस ने कश्मीर मुद्दे से लेकर नागरिकता संशोधन कानून तक भारत विरोधी रुख अपनाया है.
खासतौर पर वह नई दिल्ली की कश्मीर नीति की मुखर आलोचक रही हैं.