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महाराष्ट्र में हॉर्स ट्रेडिंग के डर से शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस के विधायकों को भेजा गया होटल

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देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद अब बहुमत साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट होना है. विपक्षी दल अपने विधायकों को तोड़े जाने से डरे हुए हैं. जिसको लेकर एक बार फिर से विधायकों को होटल में रखने का फैसला किया गया. इससे पहले महाराष्ट्र में चलने वाले सियासी हंगामे के बीच कांग्रेस ने अपने विधायकों को राजस्थान भेज दिया था. कुछ ऐसा ही प्लान इस बार भी बनाया गया था लेकिन बदलते सियासी समीकरण को देखकर मुंबई के होटल में इन विधायकों को रोकने का फैसला किया गया है.

महाराष्ट्र में चल रहे राजनीतिक नाटक और विधायकों की खरीद-फरोख्त की आशंका के बीच राकांपा, कांग्रेस और शिवसेना ने अपने-अपने विधायकों को मुंबई के विभिन्न लग्जरी होटलों में भेजा है. सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस ने अपने विधायकों को जुहू इलाके के जे डब्ल्यू मैरियट होटल में रखा है, वहीं राकांपा के विधायक पवई के द रेनेसां होटल में ठहरे हुए हैं.जबकि शिवसेना के विधायकों को अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के पास स्थित द ललित होटल में रखा गया है. सूत्रों से मिलने वाली जानकारी के अनुसार कांग्रेस विधायक पहले जयपुर के लिए रवाना होने वाले थे, लेकिन बाद में तेजी से बदलते राजनीतिक घटनाक्रम को देखते हुए उन्हें मुंबई में ही रखने का फैसला किया गया.

उच्चतम न्यायालय ने रविवार को देवेंद्र फडणवीस को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाने के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी के फैसले के खिलाफ शिवसेना-राकांपा-कांग्रेस गठबंधन द्वारा दायर याचिका पर केंद्र और महाराष्ट्र सरकार को नोटिस जारी किए.

महाराष्ट्र में हुए आश्चर्यजनक उलटफेर में शनिवार को फडणवीस की मुख्यमंत्री के रूप में वापसी हुई जबकि राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के नेता अजित पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. यह घटनाक्रम ऐसे समय हुआ जब कुछ घंटे पहले ही कांग्रेस और राकांपा ने शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में सरकार बनाने पर सहमति बनने की घोषणा की थी.

बाद में शिवसेना ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने के महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की ‘‘मनमानी और दुर्भावनापूर्ण कार्रवाई/फैसले’’ के खिलाफ उच्चतम न्यायालय में रिट याचिका दायर की है.