देश में कोरोना वायरस के प्रसार को रोकने के लिए 3 मई तक लॉकडाउन को बढ़ा दिया गया है. इससे पहले केंद्र सरकार की ओर से उद्योगों, कंपनियों और दुकानदारों को उनके कर्मियों को इस दौरान पूरा वेतन देने के लिए कहा गया था. ऐसे में अब पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने केंद्र सरकार के इस निर्देश पर चिंता जाहिर की है. उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर इस दिशानिर्देश पर फिर से विचार करने को कहा है.
मजदूरों और उद्योगों के हित में निकालें समाधान
मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा है कि कोविड 19 लॉकडाउन के दौरान कंपनियां और उद्योग बंद पड़े हैं. ऐसे में अगर वो अपने कर्मियों को पूरी सैलरी दे रहे हैं तो इससे उनके दिवालिया होने का खतरा उत्पन्न होने की आशंका है. इसलिए सरकार अपने इन दिशानिर्देशों पर पुनर्विचार करे. सीएम ने कहा है कि केंद्र को ऐसा कोई समाधान निकालना चाहिए जिससे उद्योगों को बिना कोई नुकसान पहुंचाए मजदूरों का फायदा सुनिश्चित किया जा सके.
विचार करने का आग्रह किया
उन्होंने यह भी कहा कि इस समय केंद्र सरकार बिना इंडस्ट्री या उद्योगों को नुकसान पहुंचाए कामगारों और मजदूरों के हित के लिए कोई और कारगर उपाय निकाल सकने के बारे में विचार कर सकती है. मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर आपदा प्रबंधन अधिनियम 2005 के तहत जारी गृह मंत्रालय और भारत सरकार के आदेश पर पुनर्विचार की मांग की है. इस आदेश में कहा गया है कि सभी नियोक्ता, उद्योग या दुकानदार अपने कर्मियों को लॉकडाउन के दौरान भी तय तारीख पर, बिना किसी कटौती के सैलरी का भुगतान करें.
आय पूरी तरह से ठप हो गई
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस आदेश पर पुनर्विचार की जरूरत है. क्योंकि इससे राज्य के साथ-साथ दुकानों और वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, उद्योग के लिए भारी वित्तीय प्रभाव पड़ेगा. लॉकडाउन के कारण ये सभी बंद हैं. ऐसे में इनके दिवालिया घोषित होने का खतरा उत्पन्न हो जाएगा. क्योंकि इनमें से अधिकांश इकाइयों की आय पूरी तरह से ठप हो गई है.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/people-of-gujarat-are-collecting-hydroxychloroquine-medicine-state-government-issued-warning/