देश में जारी लॉकडाउन (तालाबंदी) के बीच मुंबई के बांद्रा टर्मिनल के बाद दिल्ली में बुधवार को दिल्ली में यमुना नदी के किनारे अचानक सैकड़ों की संख्या में दिहाड़ी मजदूर जमा हो गए. ये प्रवासी मजदूर जमकर सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ा रहे थे. हालांकि जल्दी ही दिल्ली सरकार ने इनकी सुध ली. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने बताया कि यमुना घाट पर जुटे प्रवासी मजदूरों के खाने और रहने की व्यवस्था कर दी गई है.
दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने ट्विटर के जरिये बताया कि यमुना घाट पर मजदूर इकट्ठा हुए. उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था कर दी है. उन्हें तुरंत शिफ्ट करने के आदेश दे दिए हैं. रहने और खाने की कोई कमी नहीं है. किसी को कोई भूखा या बेघर मिले तो हमें जरूर बताएं.
उन्होंने कहा कि हम रोज 10 लाख लोगों को खाना खिलाते हैं, 75 लाख लोगों को मुफ्त राशन दिया. हजारों बेघरों के लिए छत का इंतजाम किया. लोग इतने गरीब हैं, कई लोगों को सरकारी इंतजाम का पता ही नहीं चलता है. थैंक यू मीडिया, ऐसे गरीबों के बारे में हमें बताने के लिए. हर गरीब तक सरकारी इंतजाम पहुंचाएंगे.
यमुना घाट पर मज़दूर इकट्ठा हुए। उनके लिए रहने और खाने की व्यवस्था कर दी है। उन्हें तुरंत शिफ़्ट करने के आदेश दे दिए हैं।
रहने और खाने की कोई कमी नहीं है। किसी को कोई भूखा या बेघर मिले तो हमें ज़रूर बतायें।
— Arvind Kejriwal (@ArvindKejriwal) April 15, 2020
हालांकि, अभी ये स्पष्ट नहीं है कि ये मजदूर अपने-अपने राज्यों में जाने के लिए यहां इक्ट्ठा हुए थे. दिल्ली में रैन बसेरा में आग लगने से हजारों की संख्या में मजदूर बेघर हो गए हैं. इसके बाद इन प्रवासी मजदूरों को शेल्टर भेजा जा रहा है, जिससे यमुना के किनारे मजदूरों की भीड़ एकत्रित हो गई.
मालूम हो कि बांद्रा रेलवे स्टेशन पर मंगलवार को कुछ घंटों में हजारों लोगों की भीड़ जुट गई थी. बिहार, उत्तर, झारखंड और बंगाल के ये मजदूर अपने घर जाने के लिए बांद्रा स्टेशन पर आए थे. हालांकि बाद में उन्हें भगाने के लिए पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा था.
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