हैदराबाद एनकाउंटर के बाद चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया शरद अरविंद बोबडे ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि न्याय कभी भी तत्काल नहीं हो सकता है और यदि वह बदले की भावना से किया जाए तो वह अपना चरित्र खो देता है। जोधपुर में राजस्थान हाई कोर्ट के नए भवन के उद्घाटन के मौके पर सीजेआई ने कहा, ‘मेरा मानना है कि अगर न्याय बदला लेने के लिए किया जाए तो न्याय अपना चरित्र खो देता है.
#WATCH: Chief Justice of India (CJI) Sharad Arvind Bobde: I don’t think justice can ever be or ought to be instant. And justice must never ever take the form of revenge. I believe justice loses its character of justice if it becomes a revenge. pic.twitter.com/oKIHKecHqt
— ANI (@ANI) December 7, 2019
इस मौके पर कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद भी मौजूद थे। चीफ जस्टिस का ये बयान ऐसे मौके पर आया है, जब तेलंगाना में हैदराबाद पुलिस के साथ मुठभेड़ में महिला डॉक्टर की गैंगरेप के बाद हत्या के मामले में 4 आरोपी मारे जाते हैं.
न्याय में जल्दबाजी नहीं
जोधपुर में राजस्थान हाईकोर्ट की नई इमारत के उद्घाटन समारोह में जस्टिस एस ए बोबड़े ने कहा, “मैं नहीं समझता हूं कि न्याय कभी भी जल्दबाजी में नहीं किया जाना चाहिए, जोधपुर में सीजेआई एसए बोबडे ने कहा, ‘देश में हाल की घटनाओं ने नए जोश के साथ पुरानी बहस छेड़ दी है. इसमें कोई संदेह नहीं है कि आपराधिक न्याय प्रणाली को आपराधिक मामलों को निपटाने के लिए अपनी स्थिति और ढिलाई और अंतिम समय के प्रति दृष्टिकोण पर पुनर्विचार करना होगा, लेकिन मुझे नहीं लगता कि न्याय तुरंत हो सकता है या होना चाहिए. और न्याय को कभी भी बदला लेने का रूप नहीं मानना चाहिए. अगर न्याय बदला लेने के लिए किया जाए तो न्याय अपना चरित्र खो देता है.