नई दिल्ली: वर्तमान भू-राजनीतिक स्थिति में भारतीय वायु सेना को अल्पकालिक लेकिन तीव्र युद्ध के लिए तैयार रहने के लिए मजबूर कर रही है. एक संगोष्ठी में बोलते हुए एयर चीफ मार्शल वीआर चौधरी ने कहा कि इसके साथ ही भारतीय वायुसेना को लद्दाख जैसे लंबे समय से चल रहे विवाद के लिए तैयार रहना चाहिए. सेना को किसी भी परिस्थिति ने निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए.
स्थिति ऐसी है कि हमें एक अल्पकालिक, तीव्र युद्ध के लिए लगातार तैयार रहना पड़ता है, जिसके लिए (तैयारी बड़ी है और सहायक मामलों के लिए पर्याप्त समय नहीं रहता है.
यह बहुत ही चुनौतीपूर्ण स्थिति है. क्योंकि सेना के पास कई तरह के ऑपरेशन होते हैं. देश की वायु सेना के प्रमुख ने आगे कहा कि देश की उत्तरी सीमा पर एक वास्तविक सुरक्षा चुनौती थी. इसलिए समय और स्थान दोनों की गणना करनी होगी.
इसलिए, एक लंबे गतिरोध (चुनौतियों) के लिए तैयार रहना अनिवार्य होता जा रहा है जैसा कि हमने पूर्वी लद्दाख में शीघ्र और तीव्र युद्ध के लिए देखा है. इसलिए उपकरण एकत्र करना और साथ ही यह देखना अनिवार्य है कि वाहन व्यवहार भी आसान और तेज हो जाए, उपकरणों की कमी को भी पूरा किया जाना चाहिए.
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