आईएएस अधिकारी डॉ. गौरव दहिया के वकील हितेश गुप्ता ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुछ गभीर दावे किए हैं. गुप्ता का कहना है कि डॉ. दहिया को दोषी ठहराने की कोशिश में एक अन्य महिला आईएएस अधिकारी की भूमिका रही, जिसके कारण उन्हें निलंबित कर दिया गया. गुप्ता ने संकेत दिया कि वह अधिकारी स्वास्थ्य विभाग में थी और लिनू सिंह के लगातार संपर्क में थी और पुलिस को दोनों के बीच बातचीत के सबूत मिले हैं.
जब दिल्ली पुलिस पूछताछ करने उत्तर प्रदेश पहुंची तो लिनू के पिता ने बताया कि उनकी बेटी नेपाल में है. कथित तौर पर लिनू ने फोन पर पुलिस से बात भी की जब वह नेपाल में थी.
रिपोर्टों में कहा गया है कि लिनू ने कथित तौर पर पुलिस वालों को धमकी दी थी कि वह पुलिस स्टेशन के सामने आत्महत्या कर लेगी और अपने सुसाइड नोट में इंस्पेक्टर और दहिया का नाम लेगी. गुप्ता ने कहा कि लिनू और उसके पति कुलदीप दिनकर ने दहिया को ब्लैकमेल करने और दिल्ली में उनसे 20 करोड़ रुपये और एक फ्लैट निकालने की योजना बनाई थी.
वित्तीय संकट में दिखा ‘वैभव’!
लिनू ने डॉ. दहिया पर धोखाधड़ी के आरोप लगाए थे. उसने कहा था कि तिरुपति में दाहिया ने उससे शादी की और जब उसे पता चला कि वह गर्भवती है तो वह छोड़कर चले गए. गुप्ता ने कहा कि जांच इस बात की है कि वित्तीय संकट में रहने का दावा करने वाली लिनू वैभवी क्लब हाउस में कैसे रह सकती थी और उनके लिए यह व्यवस्था कुछ प्रभावशाली अधिकारियों द्वारा की गई थी.
लिनू ने कथित तौर पर डॉ. दहिया को बदनाम करने के लिए विभिन्न माध्यमों से कई फर्जी सोशल मीडिया पोस्ट किए. इसके बाद दाहिया ने उसके खिलाफ 2 करोड़ 50 लाख रुपये का मानहानि का मुकदमा दायर किया. संबंधित सोशल मीडिया साइटों को भी पोस्ट को हटाने के लिए कहा गया था.
निलंबन रद्द करने की अपील
गुप्ता ने कहा कि उनके मुवक्किल ने गुजरात सरकार को भी लिखा था कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप निराधार हैं और उनका निलंबन रद्द किया जाना चाहिए. उन्होंने राज्य में कोरोना स्थिति के बीच काम करने की पेशकश भी की थी. लिनू के यह दावा करने पर कि दहिया उनके बच्चे के पिता हैं, आईएएस अधिकारी ने कहा है कि वह इसके सत्यापन के लिए डीएनए टेस्ट कराने के लिए तैयार हैं.
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