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अगर गुरुवार को भाग्य का साथ नहीं मिला तो चूडासमा को छोड़ना होगा पद

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गुजरात के शिक्षा मंत्री भूपेंद्र सिंह चूडासमा इन दिनों बेहद परेशान हैं. संभवत: गुरुवार को यह तय हो सकता है कि एक मंत्री के रूप में उनका भविष्य होगा. गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश के खिलाफ उनकी अपील पर सुप्राम कोर्ट में इसी दिन सुनवाई होनी है. उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने के अलावा उन्होंने हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगाने की मांग की है.

अगर सुप्रीम कोर्ट गुजरात उच्च न्यायालय के आदेश पर रोक लगाता है, तो भूपेंद्र सिंह गुजरात सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में बने रह सकते हैं. चूंकि गुजरात उच्च न्यायालय ने अपने आदेश के खिलाफ रोक लगाने की याचिका खारिज कर दी, ऐसे में उन्होंने बुधवार को आयोजित कैबिनेट बैठक में भाग नहीं लिया, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उच्च न्यायालय के आदेश का उल्लंघन नहीं हुआ.

इससे पहले गुजरात उच्च न्यायालय ने मंगलवार को एक चुनाव याचिका के संबंध में कहा कि ढोलका विधानसभा क्षेत्र के चुनाव में अनियमितता थी और रिटर्निंग अधिकारी ने 400 से अधिक डाक मतपत्रों को गलत ठहराया था. भूपेंद्र सिंह चूडासमा की जीत का अंतर केवल 300 वोटों से ऊपर था जो अयोग्य मतों से कम था.

चुनाव परिणाम घोषित होने के बाद ढोलका विधानसभा से कांग्रेस के उम्मीदवार अश्विन राठौड़ ने उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर की थी कि चूडासमा के चुनाव को अयोग्य घोषित किया जाए और इसके बजाय उन्हें शेष मतपत्रों को ध्यान में रखते हुए विजेता घोषित किया जाए. हालांकि अदालत ने उन्हें विजेता घोषित करने की उनकी याचिका को मंजूरी नहीं दी.

लेकिन कोर्ट के अवलोकन में यह मामला बहुत गंभीर था. फैसले में कहा गया, “यह माना जाता है कि यह साबित होता है कि जनप्रतिनिधित्व कानून, 1951 की धारा 123 (7) के तहत ‘भ्रष्ट प्रथा’ का चुनाव में इस्तेमाल किया गया था.” चूंकि ये बहुत ही नुकसान पहुंचाने वाली टिप्पणियां हैं और देश भर में भाजपा का केंद्रीय नेतृत्व भी इस फैसले के बारे में चिंतित है, ऐसे में गुरुवार को चूडासमा के लिए निर्णायक दिन हो सकता है.

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