गुजरात में शिक्षा का स्तर को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग ने एक बड़ा फैसला किया है. इससे पहले शैक्षणिक सत्र में बदलाव के बाद अब राज्य शिक्षा विभाग ने परीक्षा प्रणाली को बदलने का फैसला किया है. जिसके तहत अब माध्यमिक शिक्षा बोर्ड द्वारा कक्षा 3 से 12 तक की परीक्षा ली जाएगी. अब तक ये परीक्षा स्कूलों द्वारा ली जाती थीं.
शिक्षा विभाग के इस निर्णय से राज्य के 55,000 सरकारी, ग्रांटेड और निजी स्कूलों में लागू किया जाएगा. जिसमें 1.25 करोड़ बच्चे पढ़ रहे हैं. निर्णय के तहत तमाम स्कूलों में छह मासिक और वार्षिक परीक्षाएं एक साथ होंगी और इसे माध्यमिक शिक्षा बोर्ड करवाएगी. पाठ्यपुस्तक मंडल द्वारा तैयार पुस्तकों के आधार पर ही परीक्षा आयोजित की जाएगी.
इतना ही नहीं इस निर्णय के अनुसार निजी प्रकाशनों का उपयोग नहीं किया जा सकता है. इसके अलावा कमजोर छात्रों के लिए एक अलग शिक्षण पद्धति का उपयोग करने का निर्णय लिया गया है. जो छात्र कमजोर होंगे उन्हें अलग से शिक्षा दी जाएगी. इतना ही नहीं इस फैसला के तहत छात्रों का मूल्यांकन स्कूल के शिक्षकों के बजाय अन्य स्कूलों के शिक्षकों द्वारा किया जाएगा.
गौरतलब हो इससे पहले गुजरात में शिक्षा का स्तर सुधारने के लिए शिक्षा विभाग केंन्द्रीय उच्चतर माध्यमिक बोर्ड के फैसले के नक्शे कदम पर चलने का फैसला किया है. इसके अनुसार अब कक्षा 10-12 की बोर्ड की परीक्षा अब अगले वर्ष से फरवरी में ही आयोजित की जायेगी. अगले साल शिक्षा सत्र अप्रैल से शुरु होने के साथ ही कई परिवर्तन हो जायेंगे.