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सुप्रीम कोर्ट का अहम फैसला, 15 दिन के भीतर घर भेजे जाएं सभी प्रवासी मजदूर

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कोरोना पर लगाम लगाने के लिए अचनाक लागू की गई देशव्यापी तालाबंदी के बाद सबसे ज्यादा परेशानियों से दो-चार होने वाला वर्ग प्रवासी मजदूर था. लंबे संघर्ष के बाद प्रवासी मजदूर करीब-करीब अपने घर पहुंच गए हैं. इस बीच देश की सर्वोच्च न्यायालय ने प्रवासी मजदूरों को लेकर बड़ा फैसला सुनाया है.

तालाबंदी के बाद देश के विभिन्न राज्यों में फंसे प्रवासी श्रमिकों को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि प्रवासी मजदूरों को 15 दिनों के भीतर वापस उनके घरों को भेजने का राज्य और केंद्र सरकार इंतजाम करे. इतना ही नहीं सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में कहा, ‘तालाबंदी के दौरान सड़क पर चलकर घर जाने वाले प्रवासी मजदूरों पर दर्ज आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के तहत सभी मामले वापस लिए जाएं.

इतना ही नहीं र्वोच्च न्यायालय ने राज्य और केंद्र को प्रवासी मजदूरों को रोजगार देने के लिए स्कीम बनाने का आदेश दिया है. जिसकी प्रोग्रेस रिपोर्ट प्रदेशों को सुप्रीम कोर्ट में देनी होगी. साथ ही साथ कोर्ट ने कहा कि प्रवासी मजदूरों को तमाम सरकारी योजनाओं की जानकारी देने के बाद इन योजनाओं का लाभ भी दिया जाए.

गौरतलब हो कि देश में कोरोना के दस्तक देने के बाद केंद्र की मोदी सरकार ने मार्च के अंत में देशव्यापी तालाबंदी का ऐलान किया था. जिसे अलग-अलग चरणों में बढ़ाया गया. लेकिन इस बीच देश के अलग-अलग हिस्सों में रहने वाले प्रवासी मजदूर तालाबंदी खुलेने की उम्मीद छोड़कर पैदल अपने घर निकलने लगे जिसके बाद केंद्र सरकार ने फैसला लिया कि ऐसे प्रवासी मजदूरों के घर वापसी के लिए श्रमिक विशेष ट्रेन चलाई जाए.

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