वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के उपायों पर काम जारी है. आयकर में कटौती का विचार भी इनमें शामिल है. सीतारमण से पूछा गया कि कब तक राहत मिल सकती है, तो उन्होंने कहा- इसके निश्चित जवाब के लिए बजट तक इंतजार करें. बता दें सरकार फरवरी में बजट पेश करेगी. इस मौके पर चरमरा चुकी अर्थव्यवस्था की मार झेल रहे लोगों को बड़ी राहत मिल सकती है.
वित्त मंत्री ने हिंदुस्तान टाइम्स लीटरशीप समिट 2019 में कहा कि अर्थव्यवस्था में सुधार के लिए अगस्त और सितंबर में भी कई कदम उठाए थे. सरकारी बैंकों ने पिछले 2 महीने में 5 लाख करोड़ रुपए के कर्ज बांटे ताकि देश के दूरवर्ती इलाकों में खपत बढ़ सके. हम खपत बढ़ाने के लिए सीधे उपाय कर रहे हैं. ऐसा तरीका अपना रहे हैं जिससे इन्फ्रास्ट्रक्चर पर खर्च बढ़े और उसका फायदा प्रमुख उद्योगों से जुड़े लोगों तक पहुंच सके.
जीडीपी ग्रोथ जुलाई-सितंबर तिमाही में 4.5% रह गई. यह पिछले 6 साल में सबसे कम है. अप्रैल-जून में ग्रोथ 5% थी. आर्थिक विकास दर को रफ्तार देने के लिए सरकार ने पिछले कुछ महीनों में शेयर बाजार से मुनाफे पर सरचार्ज बढ़ोतरी का फैसला वापस लेने, कॉर्पोरेट टैक्स घटाने और बैंकों के मर्जर समेत कई फैसले लिए.
जीएसटी के मुद्दे पर वित्त मंत्री ने कहा कि जीएसटी काउंसिल इसका स्ट्रक्चर तय करेगी. यह सवाल इसलिए उठा क्योंकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक जीएसटी के सबसे निचले स्लैब की दर 5% से ज्यादा करने का विचार चल रहा है. कई ऐसे उत्पाद जिन पर अभी जीएसटी नहीं लगता उन्हें इसके दायरे में लाया जा सकता है.