पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में होने वाली हिंसक झड़प के बाद से दोनों देशों में स्थितियां तनावपूर्ण बनी हुई हैं. दोनों देशों के बीच लगातार सैन्य स्तर पर बातचीत कर मामले की हल निकालने की कोशिश की जा रही है. इस बीच जानकारी मिल रही है कि दोनों देशों के बीच 13वें दौर की कोर कमांडर स्तर की वार्ता बेनतीजा साबित हुई है.
भारतीय और चीनी सेना के बीच कोर कमांडर स्तर की वार्ता चुशुलू-मोल्डो बार्डर पर दो माह बाद 10 अक्टूबर रविवार को हुई थी. तनाव के बाद दोनों देशों के बीच कोर कमांडरों के बीच 13वें दौर की बातचीत थी. यह बैठक भी 12 दौर की होने वाली बैठक की तरह बेनतीजा साबित रही. मिल रही जानकारी के अनुसार यह बैठक साढ़े आठ घंटों तक चली.
सैन्य स्तर की वार्ता में जैसे ही भारत ने चीन से पीछे हटने को कहा चीन भड़क गया, चीनी अधिकारियों ने कहा कि भारत लगातार अनुचित मांग कर रहा है. इतना ही भारत के खिलाफ जहर उगलते हुए चीन ने कहा कि भारत की इस तरीके की मांग को लेकर ही सीमा पर तनाव की स्थिति बनी हुई है. सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जब भारत ने सीमा विवाद को खत्म करने के लिए रचनात्मक सुझाव दिया तो चीन इस पर भी राजी नहीं हुआ.
गौरतलब है कि भारतीय और चीनी सैनिकों में पैंगोंग सो इलाके में पिछले साल 5 मई को हिंसक झड़प हुई थी जिसके बाद से दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए थे. जिसके बाद से ही लद्दाख में भारत-चीन सीमा पर गतिरोध बरकरार है. अब इस मामले को लेकर कांग्रेस मोदी सरकार को सवालों के घेरे में खड़ा कर रही है.
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