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भारत-चीन सीमा विवाद पर बिपिन रावत बोले- हमारी सेनाओं को तैयार रहना चाहिए

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भारत और चीन (India China) सीमा विवाद को लेकर हालात ठीक नहीं चल रहे हैं. इस बीच सीमा पर हालत को देखते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल रावत (CDS General Bipin Rawat) ने गुरुवार को कहा कि हमें ताजा हालात से निपटने की और आने वाले समय की चुनौतियों से निपटने की तैयारी करने की जरूरत है.

भारत-चीन (India China) उन्होंने बताया कि विभिन्न मोर्चों पर तैनात सीनों सेनाओं का कोई सैनिक कोरोना वायरस से प्रभावित नहीं है.

भारत और चीन (India China) के हालिया मसले पर सीडीएस जनरल बिपिन रावत कहा कि भारतीय सशस्त्र बलों को संकट से निपटने के लिए तैयार रहना चाहिए और साथ ही भविष्य के लिए भी तैयारी करनी चाहिए.

बिपिन रावत ने कहा,

हम अपनी सीमाओं पर शांति चाहते हैं. हम चीन की तरफ से आक्रामक हरकत देख रहे हैं, लेकिन हम इन से निपटने में सक्षम हैं. हमारे तीनों अंग (थल सेना, वायु सेना और जल सेना) खतरों से निपटने में सक्षम हैं.

उन्होंने कहा कि हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर उभरते खतरों से निपटने के लिए वैचारिक रणनीति बनाई है.

सीडीएस रावत ने कहा,

चीन की ओर से पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) को दी जा रही आर्थिक सहायता और पाकिस्तान को लगातार उपलब्ध कराया जा रहा सैन्य व राजनयिक सहयोग यह मांग करता है कि हम उच्च स्तर की तैयारियां करें.’

साथ ही उन्होंने कहा कि भारत को उत्तरी और पश्चिमी मोर्चों पर समन्वित कार्रवाई का खतरा है जिसके बारे में रक्षा योजना के बारे में हमें विचार करना चाहिए. हमने उत्तरी और पश्चिमी सीमाओं पर उभरते खतरों से निपटने की रणनीति की परिकल्पना कर ली है.

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विभिन्न मोर्चों पर तैनात भारत की तीनों सेनाओं के सैनिक अभी तक कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं हुए हैं.

सीडीएस रावत ने कहा, ‘अग्रिम पंक्ति में तैनात कर्मचारी, हमारे एयरक्राफ्ट उड़ा रहे कर्मचारी, समुद्र में हमारे जहाजों पर तैनात कर्मचारी, कोई भी अभी तक कोविड-19 से संक्रमित नहीं है.’

सीमा विवाद सुलझाने की कोशिश

भारत और चीन (India China) के बीच ब्रिगेड कमांडर स्तर पर बातचीत इस सप्ताह शुरू हुई और अब भी जारी है. लेकिन अप्रैल-मई से भारत के लद्दाख क्षेत्र में वास्तविक नियंत्रण रेखा यानी एलएसी को लेकर शुरु हुए विवाद में कमी नहीं दिख रही.

अब तक एशिया के सबसे बड़े देशों भारत और चीन (India China) के बीच पांच राउंड की ब्रिगेड कमांडर लेवल की बातचीत होने के साथ-साथ भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल भी चीन में इस मामले में उच्च नेतृत्व से संपर्क कर चुके हैं.

लेकिन इस सप्ताह दोनों देशों के बीच एक बार फिर तनाव बढ़ता दिखाई दे रहा है.  हफ़्ते की शुरुआत में भारतीय सेना ने 29/30 अगस्त की रात को चीन की तरफ़ से उकसाऊ कार्रवाई करने और भारत की तरफ़ से उसे रोक देने की बात कही थी.

सेना प्रमुख पहुंचे सीमा पर

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल पर भारत चीन (India China) में जारी तनाव के बीच सेनाध्यक्ष मनोज मुकंद नरवणे अपने दो दिवसीय लद्दाख दौरे पर पहुंच गए हैं.

सेनाध्यक्ष का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है. चीनी सेना ने बीते दिनों एक बार फिर से घुसपैठ करने की कोशिश की थी. इसे भारतीय सेना के जवानों ने नाकाम कर दिया था. सेना प्रमुख मौजूदा सूरते हाल में पैदा हुई परिस्थिति का जायजा लेंगे.

सेना प्रमुख अपने इस दो दिवसीय दौरे के दौरान सीमा पर ऑपरेशनल तैयारियों का भी मुआयना करेंगे.

भारतीय सेना की ओर से जानकारी दी गई थी कि चीन के इस दुस्साहस को तैनात जवानों ने नाकाम कर दिया था.

29-30 अगस्त की रात होने वाली घुसपैठ की कोशिश के बारे में जानकारी देते हुए भारतीय सेना के पीआरओ कर्नल अमन आनंद ने कहा, “भारतीय सैनिकों ने पैंगॉन्ग त्सो झील के दक्षिणी किनारे पर चीनी सैनिकों की गतिविधि को पहले से भांप लिया था. इसकी वजह से उनके घुसपैठ की कोशिश को नाकाम कर दिया.
भारत सैन्य स्तर पर होने वाली बातचीत के जरिय शांति बनाए रखने के लिए प्रतिबद्ध है. लेकिन अपनी क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा के लिए भी समान रूप से दृढ़ है. मौजूदा सूरते हालात को लेकर चुशुल में एक ब्रिगेड कमांडर स्तर की फ्लैग मीटिंग चल रही है.”

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