नई दिल्ली: भारत में नागरिकों को कोरोना वायरस से बचाने के लिए दो टीके विकसित किए गए हैं. जिसमें हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी द्वारा बनाई गई स्वदेशी कोवैक्सीन है. जबकि दूसरा टीका कोविशील्ड है, जिसे ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनिका और सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा संयुक्त रूप से विकसित किया गया है. अब तक इन दोनों टीकों को दुनिया भर के 96 देशों में मान्यता दी जा चुकी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया का यह बयान डब्ल्यूएचओ द्वारा भारत बायोटेक की कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को इमरजेंसी यूज लिस्ट में शामिल किए जाने के बाद आया है. मांडविया ने कहा कि डब्ल्यूएचओ अब तक 8 टीकों को ईयूएल (आपातकालीन उपयोग सूची) में शामिल कर चुका है. हमें खुशी है कि इनमें से दो टीके भारतीय हैं, कोवैक्सीन और कोविशील्ड. दोनों टीकों को दुनिया भर के 96 देशों द्वारा मान्यता प्राप्त है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया ने आगे कहा कि देश में अब तक 109 करोड़ से ज्यादा कोरोना वैक्सीन की डोज दी जा चुकी है. स्वास्थ्य कार्यकर्ता ‘हर घर दस्तक’ के तहत टीकाकरण अभियान को अंजाम देने के लिए घर-घर का दौरा कर रहे हैं. कोवैक्सीन और कोविशील्ड को 96 देशों ने मान्यता दे दी है. आप भी CoWIN एप्लिकेशन के माध्यम से सूची की जांच कर सकते हैं.
डब्ल्यूएचओ की मंजूरी से जिन लोगों ने कोवैक्सीन की डोज ले चुके हैं वह अब बिना किसी रुकावट के विदेश यात्रा कर सकेंगे. कोवैक्सीन के अलावा डब्ल्यूएचओ द्वारा अब तक स्वीकृत टीकों में फाइजर/बायोएंटेक की कॉमिन्टर्निटी, एस्ट्राजेनेका की कोविशील्ड, जॉनसन एंड जॉनसन की वैक्सीन, मॉडर्ना की एमआरएनए-1273, सिनोफार्मा की बीबीआईबीपी-कोरवी और सिनोवैक की कोरोनावैक शामिल हैं.
https://archivehindi.gujaratexclsive.in/virat-kohli-daughter-threatening-accused-arrested/