देश में कोरोना वायरस के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं. कई लोग इसे कोरोना की चौथी लहर बता रहे हैं. इस बीच दिल्ली समेत देश के अलग-अलग राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकारी संस्था भारतीय SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम पर रिसर्च करेगी. संस्थान कोविड-19 वेरिएंट के जीनोमिक सर्विलांस के डेटा की समीक्षा करेगी.
मूल संस्करण से 30 प्रतिशत अधिक खतरनाक
चिकित्सा विशेषज्ञों के मुताबिक दिल्ली एनसीआर में कोरोना के ओमाइक्रोन वेरिएंट के कई मामले सामने आ चुके हैं. डॉक्टरों का कहना है कि स्ट्रेन ओरिजिनल ओमाइक्रोन वायरस से 20-30 फीसदी ज्यादा खतरनाक है.
बीमारियां फैल रही हैं लेकिन मौतें कम हैं
टीकाकरण पर कोविड वर्किंग ग्रुप नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप के चेयरपर्सन डॉ एनके अरोड़ा ने कहा कि मौजूदा स्ट्रेन जो दौर कर रहा है वह ओमाइक्रोन सब-वेरिएंट की तुलना में 20-30 प्रतिशत अधिक संक्रामक है. इसमें कोरोना महामारी तेजी से फैली है, लेकिन अस्पताल में भर्ती और मौत होने के मामले कम सामने आ रहे हैं.
कोरोना की चौथी लहर में ओमिक्रॉन का बड़ा हाथ
डॉ. अरोड़ा ने कहा कि सब-वेरिएंट BA.4, BA.5, BA.2.75, BA.2.38 हैं. हालांकि, अभी तक अस्पताल में भर्ती होने या किसी बीमारी की गंभीरता में कोई वृद्धि नहीं देखी गई है. INSACOG द्वारा 11 अगस्त को जारी बुलेटिन के अनुसार देश में कोरोना की चौथी लहर फैलाने में Omicron और इसके विभिन्न प्रकारों ने प्रमुख भूमिका निभाई है. डॉ। अरोड़ा ने कहा, ‘SARS-CoV-2 के BA.2.75 सब वेरिएंट स्पाइक प्रोटीन और अन्य वेरिएंट पर नजर रखी जा रही है.
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