भारत को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में अस्थायी सदस्य के तौर पर जगह मिली है जिसका अमेरिका ने स्वागत किया है लेकिन पाकिस्तान में इससे बौखलाहट देखने को मिली है. अमेरिका ने सुरक्षा परिषद में भारत के जगह मिलने पर उसका स्वागत किया है. उसने अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के लिए सुरक्षा परिषद में भारत के साथ मिलकर काम करने की इच्छा जताई है. भारत 2021-22 के लिए इस सर्वोच्च संस्था का अस्थायी सदस्य बन गया है. यह 8वीं बार है जब भारत यूएनएससी के अस्थाई सदस्य लिए चुना गया है. भारत को इस चुनाव में 192 में से 184 वोट मिले.
अमेरिका के विदेश मंत्रालय के दक्षिण एवं मध्य एशिया ब्यूरो ने ट्वीट किया, ‘‘हम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भारत का गर्मजोशी से स्वागत करते हैं और भारत के चुने जाने पर उसे बधाई देते हैं.’’उसने कहा कि अंतरराष्ट्रीय शांति एवं सुरक्षा के मामलों पर मिलकर अमेरिका काम करने का इच्छुक है. उसने भारत और अमेरिका के बीच समग्र वैश्विक रणनीतिक साझीदारी के विस्तार की बात भी कही.
वहीं भारत की इस कामयाबी पर चिढ़े पाकिस्तान ने कहा कि सुरक्षा परिषद में नई दिल्ली की अस्थायी सदस्यता हमारे लिए चिंता की बात है पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा, भारत हमेशा इस मंच से उठाए जाने वाले प्रस्तावों को खारिज करता रहा है, खासकर कश्मीर जैसे मुद्दों को. कश्मीरियों को उनके हक नहीं दिए गए और उनका दमन जारी है कुरैशी ने कहा कि भारत के अस्थाई सदस्य बनने से कोई आसमान नहीं फट पड़ेगा. पाकिस्तान भी सात बार अस्थाई सदस्य रह चुका है.
मालूम हो कि भारत शक्तिशाली संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के लिए दो साल के लिए इसका अस्थायी सदस्य चुना गया है. उसे चुनाव में जबरदस्त समर्थन मिला. अभूतपूर्व चुनाव में 192 सदस्य देशों के राजनयिकों ने हिस्सा लिया. हालांकि चुनाव पर कोरोना वायरस का साया जरूर दिखा. महामारी के मद्देनजर उन्होंने सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करते हुए मास्क पहनकर मतदान किया.
सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के तौर पर भारत का दो वर्ष का कार्यकाल एक जनवरी 2021 से शुरू होगा. भारत के अलावा आयरलैंड, मेक्सिको और नॉर्वे भी अस्थायी सदस्य के तौर पर चुने गए हैं. इससे पहले भारत सात बार सुरक्षा परिषद में अस्थायी सदस्य की भूमिका निभा चुका है. पिछली बार भारत को 2011-2012 में अस्थायी सदस्य चुना गया था.
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