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भारतीय सेना ने पेश की मानवता की मिसाल, 3 चीनी नागरिकों को बचाया और खाना भी खिलाया

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सीमा पर भारत और चीन (India China) के बीच विवाद लगातार बढ़ता जा रहा है. दोनों देशों के तरफ से वाद-विवाद का दौर जारी है. सीमा पर घुसपैठ करने से जहां चीन बाज नहीं आ रहा है तो वहीं भारत उसे हर मोर्चे पर टक्कर देने के लिए तैयार है. इस बीच भारतीय सेना (Indian Army) ने मानवता की एक मिसाल पेश की है.

तीन सितंबर को उत्तरी सिक्किम में भारतीय सेना (Indian Army) ने तीन चीनी नागरिकों की न केवल जान बचाई बल्कि उन्हें खाना, ऑक्सीजन और गर्म कपड़े देकर मदद की.

भारतीय सेना (Indian Army) ने तीन सितंबर, 2020 को 17,500 फीट की ऊंचाई पर उत्तरी सिक्किम के पठार क्षेत्र में अपना रास्ता खो चुके तीन चीनी नागरिकों की मदद की. सेना (Indian Army) ने उन्हें चिकित्सा सहायता प्रदान की. इसके अलावा उनका उचित मार्गदर्शन किया गया जिसके बाद वे अपने गंतव्य पर चले गए.

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भारतीय सेना (Indian Army) ने चीनी नागरिकों को खाना, पानी, ऑक्सिजन, गर्म कपड़े और दवाइयां दीं. बाद में सेना ने उन चीनी नागरिकों को सही रास्ता दिखाकर उनके गंतव्य तक जाने में मदद की. सेना (Indian Army) की तरफ से ट्वीट करते हुए लिखा गया- मानवता सर्वोपरि.

 

नागरिकों में दो पुरुष और एक महिला

चीनी नागरिकों में दो पुरुष और एक महिला शामिल थी. शून्य तापमान में उनके जीवन के खतरे को भांपते हुए भारतीय सेना (Indian Army) के सैनिकों ने उन्हें अत्यधिक ऊंचाई और कठोर जलवायु परिस्थितियों से बचाने में उनकी मदद की.

भारतीय सैनिकों (Indian Army) ने उन्हें अपने गंतव्य स्थल तक पहुंचने के लिए उचित मार्गदर्शन दिया जिसके बाद वे वापस चले गए. चीनी नागरिकों ने अपनी त्वरित सहायता करने के लिए भारत और भारतीय सेना (Indian Army) का आभार व्यक्त किया.

चीन की नापाक हरकत

भारत हमेशा मदद के लिए तैयार रहता है, लेकिन दूसरी तरफ चीन अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. शुक्रवार को ही खबर आई कि चीन के सैनिकों (PLA) ने अरुणाचल प्रदेश के 5 लोगों को अगवा कर लिया. जिन पांच लोगों को अगवा किया गया है, वो टागीन समुदाय के हैं.
कहा जा रहा है कि ये सारे लोग पास के जंगल में शिकार के लिए गए थे.
मालूम हो कि भारत और चीन के बीच 3488 किलोमीटर की सीमा है जिसकी शुरुआत उत्तर पूर्व में अरुणाचल प्रदेश से होती है.

चीन की चेतावनी

भारत और चीन के मध्य पर सीमा विवाद को लेकर रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और चीनी रक्षा मंत्री वेई फेंगही के बीच रूस में शुक्रवार को दो घंटे से अधिक समय तक बैठक हुई. बैठक के बाद चीन की ओर से बयान जारी किया गया है. चीनी सरकार ने बयान में आरोप लगाया है कि लद्दाख (Ladakh) में तनाव बढ़ाने के लिए भारत “पूरी तरह” से जिम्मेदार है. साथ ही बयान में चेतावनी भरे लहजे में कहा गया है कि चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा.

चीन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि चीन-भारत सीमा पर मौजूदा तनाव के कारण और सच्चाई स्पष्ट है और इसकी जिम्मेदारी पूरी तरह से भारत पर है. बयान में कहा गया है कि चीन अपनी एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ सकता है. चीन की सशस्त्र सेना अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता की रक्षा करने में पूरी तरह से प्रतिबद्ध, सक्षम और आश्वस्त है.

उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जिस महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे थे, दोनों पक्षों को उसे ईमानदारी से लागू करना चाहिए. चीन ने कहा कि सीमा विवाद को बातचीत और परामर्श के माध्यम से हल करने पर जोर दिया जाना चाहिए.

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