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भारत में लाखों बच्चे टाइप-1 मधुमेह का हो रहे शिकार, सामने आई चौंकाने वाली रिपोर्ट

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नई दिल्ली: कोरोना महामारी के बीच भारत के लिए एक बड़े खतरे की घंटी बजी है. भारत में अब तक कोरोना से 5 लाख 25 हजार लोगों की मौत हो चुकी है. लेकिन 2021 में एक बीमारी ने कोरोना से ज्यादा लोगों की जान ले ली. इस बीमारी को टाइप-1 डायबिटीज कहा जाता है, और यह बीमारी भारत में लोगों के साथ-साथ लाखों बच्चों को भी अपना शिकार बना रही है. टाइप 1 मधुमेह वाले पांच बच्चों या किशोरों में से एक भारतीय है. इसका मतलब है कि भारत में हर दिन 65 बच्चे या किशोर टाइप 1 मधुमेह के शिकार हो रहे हैं.

इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन का चौंकाने वाला खुलासा:

भारत में वर्तमान में टाइप 1 मधुमेह वाले 12.11 लाख लोग हैं. इसमें से 2.29 लाख से अधिक बच्चे और किशोर हैं. ये चौंकाने वाले आंकड़े इंटरनेशनल डायबिटीज फेडरेशन ने जारी किए हैं. रिपोर्ट के अनुसार, 2021 में मधुमेह से दुनिया भर में 67 लाख लोगों की मौत हुई है. 2021 में भारत में टाइप-1 डायबिटीज के 24,000 से ज्यादा नए मामले सामने आए हैं.

भारत में मधुमेह की स्थिति क्या है?

1. भारत में 7.4 करोड़ लोग मधुमेह से पीड़ित हैं
2. मधुमेह रोगियों के मामले में भारत दुनिया में दूसरे स्थान पर है
3. 2045 तक यह आंकड़ा 12 करोड़ को पार करने का अनुमान है
4. 50 फीसदी से ज्यादा यानी 3.94 करोड़ मरीजों को इलाज नहीं मिल पाता
5. 20 साल से कम उम्र के 2.29 लाख लोग टाइप-1 डायबिटीज के मरीज हैं
6. यह आंकड़ा दुनिया में सबसे ज्यादा है
7. अमेरिका 1.57 मिलियन रोगियों के साथ दूसरे स्थान पर है
8. 92,300 मरीजों के साथ ब्राजील तीसरे स्थान पर
9. 2021 में दुनिया भर में 6.7 मिलियन लोगों की मौत मधुमेह से होगी
10. चीन में सबसे ज्यादा मौत का आंकड़ा 1.4 मिलियन

क्या है टाइप-1 मधुमेह

टाइप 1 डायबिटीज शरीर इंसुलिन बनाना बंद कर देता है. टाइप 1 मधुमेह वाले लोगों को अपने रक्त शर्करा के स्तर को बनाए रखने के लिए प्रतिदिन इंसुलिन के इंजेक्शन लेना पड़ता है. इंसुलिन के बिना लोगों का जीवन मुश्किल हो जाता है.

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