कोरोना महामारी के दौरान गर्त में गई भारतीय भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) में 2021 में सुधार देखने को मिल सकती है. संयुक्त राष्ट्र की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत की अर्थव्यवस्था (Indian Economy) 2021 में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ सकती है.
रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते 2020 में इसमें 9.6 प्रतिशत संकुचन होने का अनुमान है. रिपोर्ट के मुताबिक भारतीय अर्थव्यवस्था (Indian Economy) कैलेंडर वर्ष 2020 में 9.6 प्रतिशत की दर से घटी.
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संयुक्त राष्ट्र के आर्थिक और सामाजिक मामलों के विभाग की रिपोर्ट- ‘विश्व आर्थिक स्थिति और संभावनाएं 2021‘ में कहा गया है कि वैश्विक अर्थव्यवस्था 2020 में महामारी के चलते शताब्दी के सबसे बड़े संकट से प्रभावित हुई. रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत की आर्थिक वृद्धि (Indian Economy, GDP) 2021 में 7.3 प्रतिशत रहने का अनुमान है.
रिपोर्ट में यह भी दावा किया गया है कि कैलेंडर वर्ष 2021 में भारत दुनिया की सबसे तेजी से वृद्धि हासिल करने वाला देश होगा. इस दौरान चीन की वृद्धि दर 7.2 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया गया है. पिछले साल वैश्विक अर्थव्यवस्था में 4.3 प्रतिशत की कमी हुई, जो 2009 के संकट के मुकाबले ढाई गुना से अधिक गिरावट है.
8 फीसदी की बढ़ोतरी का अनुमान
हालांकि रिपोर्ट में कहा गया है कि 2021 में 4.7 प्रतिशत बढ़ोतरी की उम्मीद है, जो 2020 के नुकसान को कुछ कम करेगी. वहीं दूसरी ओर फिक्की के आर्थिक आउटलुक सर्वेक्षण के नवीनतम दौर के अनुसार, 2020-21 में भारत के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 8 प्रतिशत की वृद्धि की संभावना है.
जीडीपी को बढ़ाने की तैयारी
उधर अगले वित्त वर्ष में भारत स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को दोगुना कर सकता है. भारत सरकार स्वास्थ्य पर होने वाले खर्च को चार साल में जीडीपी के 4 फीसद तक ले जाने के उद्देश्य से ऐसा कर सकती है. सूत्रों के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी के बाद भारत स्वास्थ्य प्रणाली को बेहतर करना चाहता है और बजट में अगले वित्त वर्ष के लिए स्वास्थ्य खर्च को दोगुना कर सकता है.
भारत एक अप्रैल, 2021 से शुरू हो रहे वित्त वर्ष के लिए स्वास्थ्य खर्च को बढ़ाकर 1.2 से 1.3 लाख करोड़ रुपये कर सकता है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने एक रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से यह बात कही है. गौरतलब है कि मौजूदा वित्त वर्ष में अनुमानित स्वास्थ्य खर्च 626 अरब रुपए है.