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पाकिस्तान मानवाधिकारों का प्रवर्तक बनने का नाटक बंद करे: विदेश मंत्रालय

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भारत ने एकबार फिर पाकिस्तान को आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे पर घेरा है. दरअसल जिनेवा में संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार परिषद के 43वें सत्र में भारत ने आतंकवाद, अल्पसंख्यकों से बर्ताव और अन्य मुद्दों को लेकर पाकिस्तान को घेरा है. विदेश मंत्रालय के प्रथम सचिव विमर्श आर्यन ने कहा कि हम पाकिस्तान में नाबालिगों पर अत्याचार, अल्पसंख्यकों पर अत्याचार और छेड़छाड़ के मामले देख रहे हैं.

सत्र के दौरान विमर्श आर्यन ने कहा कि पाकिस्तान को भारत से सीखने की जरूरत है कि अपने यहां अल्पसंख्यकों के साथ कैसा व्यवहार करना चाहिए. साथ ही उन्हें हमारे साथ एक अच्छे पड़ोसी की तरह पेश आना चाहिए ताकि दक्षिण-एशियाई क्षेत्र को शाश्वत शांति मिले. अशांति के लिए आगे पाकिस्तान ही जिम्मेदार होगा.

आर्यन ने कहा कि मैं एक बार फिर से वियना घोषणापत्र और कार्यक्रम (VDPA) को लागू करने के लिए पाकिस्तान को अपनी क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा को समाप्त करने के लिए कहूंगा, जो सभी मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान मानवाधिकारों का प्रवर्तक बनने का नाटक बंद करे. पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल को पहले वियना घोषणा भाग-1 के पैरा 17 और आतंकवाद पर कार्रवाई के कार्यक्रम को ठीक से समझने की जरूरत है. अधिकांश मानवाधिकार उल्लंघनकर्ता और आतंकवादी पाकिस्तान की नाक के नीचे ही रहते हैं. वह किसी को अनचाही सलाह देने से पहले अपने देश में होने वाले मानवाधिकार हनन पर गौर करे.

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