मोदी सरकार भारतीय वायुसेना की ताकत को बढ़ाने के लिए 200 लड़ाकू विमान खरीदने जा रही है. रविवार को रक्षा सचिव अजय कुमार ने बताया कि भारतीय वायुसेना में लगातार लड़ाकू विमानों की संख्या कम हो रही है, जिसके चलते 200 लड़ाकू विमानों को खरीदा जा रहा है. इससे लड़ाकू विमानों की कमी दूर हो सकेगी और वायुसेना की ताकत में इजाफा होगा.
कोलकाता में रक्षा सचिव अजय कुमार का कहना है कि हिन्दुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) द्वारा तैयार किए जा रहे 83 तेजस लड़ाकू विमानों का कॉन्ट्रैक्ट आखिरी चरण में है. वायुसेना में लगातार कम होते लड़ाकू विमानों की समस्या से निपटने के लिए सरकार 200 लड़ाकू विमान खरीदने वाली है.
समाचार एजेंसी पीटीआई ने रक्षा सचिव अजय कुमार के हवाले से बताया कि एचएएल के अलावा भी 110 लड़ाकू विमानों को खरीदने के लिए प्रस्ताव मांगे गए हैं. इस तरह से कुल 200 लड़ाकू विमानों की खरीद के लिए प्रक्रिया चल रही है. रक्षा सचिव ने कहा कि एचएएल से 83 तेजस लड़ाकू विमानों के करार को जल्द ही फाइनल कर दिया जाएगा.
जब उनसे पूछा गया कि तेजस लड़ाकू विमानों को वायुसेना में कब तक शामिल कर लिया जाएगा, तो उन्होंने कहा कि सरकार इस प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा करना चाहती है.
आपको बता दें कि वर्तमान में वायुसेना के बेड़े में वर्तमान में वायुसेना के पास सुखोई-30MKI, मिराज-2000, मिग-29, जगुआर, मिग-21 बाइसन और मिग-27 जैसे लड़ाकू विमान हैं. दो इंजन वाला सुखोई-30MKI को रूस ने बनाया है, जबकि एक सीट वाले मिराज-2000 को फ्रांस ने बनाया है. इसके अलावा मिग-29, मिग-27, मिग-21 बाइसन को भी रूस ने बनाया है, जबकि जगुआर को भारत और फ्रांस ने मिलकर बनाया है.
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