संसद में महंगाई पर चर्चा के दौरान वित्त मंत्री ने दावा किया कि भारत में मंदी का कोई खतरा नहीं है. इतना ही नहीं वित्त मंत्री ने विपक्ष पर आरोप लगाया कि महंगाई पर बहस के दौरान सिर्फ राजनीतिक बातें की गईं. उन्होंने कहा कि इस दौरान 30 सांसदों ने बढ़ती कीमतों पर बात की, लेकिन इन लोगों ने आंकड़े पेश करने की बजाय सिर्फ राजनीतिक मुद्दों पर बात की. जब वित्त मंत्री जवाब दे रही थीं, उस दौरान कांग्रेसी सांसदों ने हंगामा करते हुए सदन से वॉकआउट कर दिया.
कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने इस मामले को लेकर कहा कि वित्त मंत्री का कहना था कि देश में सब ठीक है महंगाई नहीं है. ऐसी असंवेदनशीलता और अहंकार सरकार प्रदर्शित कर रही है. विपक्ष ने 140 करोड़ लोग जो महंगाई से त्राहि-त्राहि कर रहे हैं उनकी बात रखी, लेकिन उनका जवाब है कि देश में महंगाई है ही नहीं.
मनीष तिवारी ने सदन में महंगाई पर बोलते हुए कहा कि देश में डबल डिजिट में पहुंच गई है. चावल, दही, पनीर और पेंसिल और शार्पनर जैसी रोजाना के इस्तेमाल की चीजों पर जीएसटी लगा दिया गया, मोदी सरकार आम लोगों को ही नहीं बच्चों को भी नहीं बख्श रही है. सरकार ने अपना बजट तो ठीक कर लिया होगा, लेकिन 25 करोड़ लोगों का बजट पूरी तरह से बिगाड़ दिया है. आज उपभोक्ता खाद्य मूल्य सूचकांक आसमान छू रहा है.
लोकसभा में केंद्रीय वित्त मंत्री के संबोधन पर कांग्रेस नेता अधीरंजन चौधरी ने मीडिया ने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि हमने पूछा WPI कितना है, उन्होंने नहीं बताया, अब नारा लगाना पड़ेगा कि मोदी है तो महंगाई है…जो कदम सरकार उठा रही है उसके बाजार पर क्या परिणाम हो रहे हैं, इसे देखना होगा.
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