दिन बदले, महीने बदले और साल भी बदल गया लेकिन महंगाई से अभी भी देश का पीछा नहीं छूट पा रहा है. आलम यह है कि साल के पहले ही महीने में महंगाई दर में बढ़ोतरी दर्ज की गई है. जनवरी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति दर में बढ़ोतरी हुई है. महंगाई दर बढ़कर 7.59 फीसदी पर पहुंच गई है जिसने एक बार फिर सरकार के सामने एक गंभीर समस्या खड़ी कर दी है. जनवरी में 0.29 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है.
पिछले साल के आखिरी महीने में खुदरा मुद्रास्फीति दर में बढ़ोतरी देखने को मिली थी. पिछले साल दिसंबर महीने में खुदरा मुद्रास्फीति दर 7.35 फीसदी हो गई थी. यह पिछले साढ़े पांच वर्ष से सर्वाधिक थी. इससे पता चलता है कि पिछले पांच वर्षों में देश में महंगाई दर में किस तरह की वृद्धि देखने को मिली है.
मालूम हो कि जुलाई, 2014 में मुद्रास्फीति दर 7.39 फीसदी से नीचे थी. केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय द्वारा जारी किए गए आंकड़ों के मुताबिक सब्जियों के दाम दिसंबर में औसतन 60.5 फीसदी महंगे हुए थे. महंगाई दर बढ़ने की वजह से आरबीआई दिसंबर 2019 से नीतिगत दरों में कोई कटौती नहीं कर रहा है. अगर महंगाई दर 6 फीसद के ऊपर बनी रहती है तो उम्मीद नहीं है कि आरबीआई दरों में कोई कटौती करेगा.