INS Viraat Latest News: नौसेना से हटाए गए ऐतिहासिक युद्धपोत आईएनएस विराट (INS Viraat) को डिस्मैंडल करने यानी तोड़ने पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी है. एनविटेक मरीन कंसल्टेंट्स लिमिटेड नाम की कंपनी ने 100 करोड़ रुपए का भुगतान कर उसे बतौर संग्रहालय संरक्षित करने की मांग की थी. कोर्ट ने कहा है कि फिलहाल यथास्थिति बरकरार रहेगी. INS Viraat Latest News
साथ ही कोर्ट ने खरीदने वाले को नोटिस भी जारी किया है. आईएनएस विराट को भावनगर के श्रीराम ग्रुप ने खरीदा था. उसे कबाड़ के तौर पर तोड़ा जा रहा है. INS Viraat Latest News
दरअसल सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल कर कहा गया है कि एक ग्रुप भविष्य के लिए इसे संरक्षित करना चाहता है और खरीदार को 100 करोड़ रुपये की पेशकश की गई है. खरीदार ने इसे कबाड़ बनाने के लिए खरीदा है. बता दें कि साल 2007 में भारतीय नौसेना के इस विमानवाहक युद्धपोत ‘आईएनएस विराट’ को रिटायर कर दिया गया था. विमान वाहक पोत विराट को 1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किया गया था. INS Viraat Latest News
क्या है याचिकाकर्ता की मांग
याचिकाकर्ता ने कहा कि इसे तोड़ने से अच्छा है कि उसे म्यूजियम में तब्दील कर दिया जाए. एक ग्रुप ने इसी साल नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीद लिया था. भारतीय समुद्री विरासत के प्रतीक इस युद्धपोत को गुजरात के अलंग जहाज तोड़ने वाले यार्ड में पहुंचाया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने अब इसे तोड़ने पर रोक लगा दी है. INS Viraat Latest News
गिनिज बुक में रिकॉर्ड है दर्ज
विराट को भी भारत ने 1987 में ब्रिटिश रॉयल नेवी से खरीदा था. उस वक्त विराट का नाम ‘एचएमएस हर्मेस’ था और ब्रिटेश नौसेना में 25 साल गुजार चुका था. उसने अर्जंटीना के खिलाफ फॉकलैंड-युद्ध में महत्वपूर्ण हिस्सा लिया था. विराट का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में सबसे अधिक समय तक सेवा देने के लिए शुमार है. INS Viraat Latest News