गुजरात के भावनगर में अलंग शिपब्रेकिंग यार्ड वह स्थान होगा जहां भारतीय नौसेना को 30 साल तक सेवा देने वाले विमानवाहक पोत INS विराट को ध्वस्त किया जाएगा. मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि विमानवाहक पोत की तीन साल पहले सेवा समाप्त हो गई थी था.
इसे मुंबई में नौसेना डॉकयार्ड से अलंग लाया जाएगा.
खबरों के मुताबिक, दुनिया के सबसे पुराने विमानवाहक युद्धपोत आईएनएस विराट को तोड़ने का काम जल्द ही शुरू किया जाएगा. इसे गुजरात के अलंग में तोड़ा जाएगा.
INS विराट को अगले महीने मुंबई से गुजरात के अलंग ले जाया जाएगा.
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ध्वस्त होने के बाद इसे भंगार के रूप में बेचा जाएगा. INS विराट भारत में तोड़ा जाने वाला दूसरा विमानवाहक पोत है.
2014 में, INS विक्रांत को मुंबई में ध्वस्त कर दिया गया था.
INS विराट को तीस साल की सेवा के बाद आधिकारिक तौर पर 6 मार्च 2017 को ही रिटायर कर दिया गया था. अब इसे तोड़ा जाएगा. पिछले साल जुलाई में, केंद्र सरकार ने संसद में कहा था कि आईएनएस विराट को स्क्रैप करने का निर्णय भारतीय नौसेना के उचित परामर्श में लिया गया है.
किसने खरीद है
1987 में भारतीय नौसेना में शामिल किए गए सबसे लंबे समय तक सेवारत युद्धपोत को श्री राम ग्रुप ने पिछले महीने मेटल स्क्रैप ट्रेड कॉर्पोरेशन लिमिटेड द्वारा आयोजित एक नीलामी में 38.54 करोड़ रुपये में खरीदा था.
कंपनी के चेयरमैन मुकेश पटेल ने एक एजेंसी के हवाले से कहा था कि पूरा भुगतान हो चुका है और डिलीवरी ऑर्डर भी मिल गया है.
पटेल ने कहा कि मानसून की स्थिति के आधार पर, इसे मुंबई के नवल डॉकयार्ड से अलंग तक ले जाया जाएगा.
INS विराट ने दी लंबी सेवा
लहरों के सिकंदर के नाम से मशहूर आईएनएस विराट भारत का दूसरा विमान वाहक पोत है, जिसने भारतीय नौसेना में 30 वर्ष तक सेवा दी है.
इससे पहले उसने ब्रिटेन के रॉयल नेवी में 25 वर्षों तक सेवा दी. इसका ध्येय वाक्य ‘जलमेव यस्य, बलमेव तस्य’ था.
चलता-फिरता शहर था INS विराट
आईएनएस विराट एक प्रकार से चलता-फिरता शहर था. इस पर लाइब्रेरी, जिम, एटीएम, टीवी और वीडियो स्टूडियो, अस्पताल, दांतों के इलाज का सेंटर और मीठे पानी का डिस्टिलेशन प्लांट जैसी सुविधाएं थीं.
226 मीटर लंबा और 49 मीटर चौड़े आईएनएस विराट ने भारतीय नौसेना में शामिल होने के बाद जुलाई 1989 में ऑपरेशन जूपिटर में पहली बार श्रीलंका में शांति स्थापना के लिए ऑपरेशन में हिस्सा लिया था.
2001 में भारतीय संसद पर हमले के बाद ऑपरेशन पराक्रम में भी विराट की भूमिका थी. विराट ने छह साल से ज्यादा समय समुद्र में बिताए. इस दौरान इसने दुनिया के 27 चक्कर लगाने में 1,094,215 किलोमीटर का सफर किया.
INS विराट का नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में शामिल है.
ये दुनिया का एकलौता ऐसा जहाज है जो इतना बूढ़ा होने के बाद भी इस्तेमाल किया जा रहा था और बेहतर हालत में था.