अमेरिका और ईरान के बीच तल्ख रिश्तों का असर सिर्फ इन्हीं दोनों देशों की ही नहीं बल्कि विश्व के कई देशों पर पड़ा है. दोनों मुल्कों के बीच तनातनी से भारत को भी नुकसान उठाना पड़ सकता है. युद्ध जैसे हालात के चलते व्यापारिक रिश्तों पर खतरनाक असर पड़ेगा.
ऑल इंडिया राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ने ईरान में हालात सामान्य होने तक बासमती चावल का निर्यात रोक देने को कहा है. वहीं टी बोर्ड ने भी कुछ ऐसी ही राय रखी है. बोर्ड का कहना है कि अगर दोनों देशों के बीच युद्ध होता है तो चाय निर्यात पर भी बुरा असर पड़ेगा. भारत से ईरान चाय और बासमती चावल लेता है. हाल के दिनों में ईरान भारत के सबसे बड़े आयातक के रूप में उभरा है.
गौरतलब है कि आंकड़ों के अनुसार कॉमनवेल्थ ऑफ इंडिपेंडेंट स्टेट्स (सीआईएस) देशों को नवंबर 2019 तक कुल 5.28 करोड़ किलोग्राम चाय का निर्यात किया गया. इस दौरान 5.043 करोड़ किलोग्राम का आयात अकेले ईरान ने किया. इस लिहाज से भारत की चाय मार्केट पर असर पड़ने के आसार हैं.
ईरान और अमेरिका के बीच तल्खियों से तेल की कीमतों में इजाफा और आपूर्ति का प्रभावित होना लाजमी है. भारत प्रतिदिन 40 लाख बैरल तेल का आयात करता है. ईरान के प्रभाव वाले हरमुज जलडमरूमध्य से प्रतिदिन 2 करोड़ बैरल तेल निकलता है. खाड़ी क्षेत्र में परसे तनाव के चलते शेयर मार्केट में गिरावट देखी जा रही है. कच्चा तेल न्यूयॉर्क बाजार में 2.14 डॉलर प्रति बैरल यानी 3.1 प्रतिशत उछलकर 70.74 डॉलर प्रति बैरल पर चल रहा. दिल्ली में पेट्रोल 75.69 रुपये प्रति लीटर पर पहुंच गया है. वहीं,राजधानी में डीजल भी 68.68 रुपये लीटर बिक रहा है. गुजरात में भी पिछले दिनों के मुकाबले डीजल और पेट्रोल के दामों में वृद्धि दर्ज की गई है.