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गुजरात सरकार दीवार बनाकर गरीबी छिपा रही है या फिर अपनी निष्फलता?

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तुवंर मुजाहिद, अहमदाबाद: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प आने वाले दिनों में गुजरात आ रहे हैं. उनके स्वागत के लिए गुजरात सरकार तैयारियों को आखरी रुप दे रही है. अहमदाबाद के कई इलाकों की तस्वीर बदल दी गई हैं. जनता के टैक्स से जमा हुए पैसे का गुजरात सरकार अमेरिकी राष्ट्रपति के स्वागत में पानी की तरह बहा रही है, और एक ऐसे गुजरात की तस्वीर बनाने की कोशिश की जा रही है जिसमें गरीबी नहीं बल्कि गरीबों को ढक दिया जाए. गुजरात में जब भी किसी अन्य देश का राष्ट्राअध्यक्ष आता है. तब खास तौर से शहर के रोड रास्तों को चमका दिया जाता है. लेकिन इस बार सरकार कुछ ऐसा कर रही है जिससे सरकार की नीयत पर लोग सवाल खड़े कर रहे हैं. लेकिन मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस मौन होकर गुजरात सरकार के हां में हां मिलाते हुए नजर आ रही है.

गुजरात में पिछले 27 वर्षों से सत्ता का सुख भोग रही भाजपा गुजरात की सबसे मुख्य समस्या गरीबी को खत्म करने में नाकाम रही है. गुजरात में 27 साल से अधिक समय से सत्ता में रहने में रहने के बावजूद गरीबी लगातार बढ़ी है. ऐसे में गुजरात सरकार गुजरात के विकास के झूठे मॉडल को देश- विदेश में दिखाने के लिए गरीबों की स्थिति सुधारने के बजाय उन्हें छिपाने की नीति अपना रही है. अहमदाबाद की गरीबी को डोनाल्ड ट्रंप देख ना ले इसके लिए गुजरात सरकार ने अहमदाबाद एअरपोर्ट के पास मौजूद सरणिया वास को छिपाने के लिए इंदिरा ब्रीज तक एक किलोमीटर लंबी दीवार खड़ी कर दी है. एक किलोमीटर लंबी दीवार के पीछे झुग्गियों में 5,000 से अधिक गरीब रहते हैं इन्हे छिपा दिया है. झूठी शान-शौकत दिखाने की खातिर तैयार की गई ये दीवार गरीबी में रहने वाले लोगों के जीवन को और अधिक जटिल बना दिया है.

इस सिलसिले में एक स्थानिक आदमी ने कहा कि “ दीवार गरीबों के लिए एक जेल की तरह काम करेगी. बारिश के सीजन में दीवार की वजह से हमारे घरों में पानी भर जाएगा इतना ही नहीं दूसरे भी कई परेशानियों से दो चार होना पड़ेगा” आम आदमी और गरीबों के कई मुद्दों को दरकिनार कर गरीबी मिटाने में नाकाम रही भाजपा सरकार अब गरीबों को छिपाना शुरू कर दिया है. इससे पहले जब चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे अहमदाबाद में आए थे, तो गरीबों को छिपाने के लिए पर्दे लगा दिये गए थे. इसलिए हर बार पर्दा लगाने के झंझट को हमेशा के लिए खत्म कर अब रुपाणी सरकार ने दीवार बनाने का फैसला लिया है.

क्या सरकार दीवार बनाकर गरीबी छिपा रही है या फिर अपनी निष्फलता?

गुजरात सरकार ने अहमदाबाद एयरपोर्ट से हांसोल सर्कल के बीच आने वाली झुग्गियों के सामने दीवार बनाकर गरीबी और लोगों की दुर्दशा को छिपाने की कोशिश की है. इस वजह से यहां रहने वाले लोगों में गुस्सा का माहौल दिखाई दे रहा है. वास्तव में सरकार गरीबी को छिपाने की कोशिश नहीं बल्कि अपनी 27 वर्षों की विफलता को छिपाने की पूरी कोशिश कर रही है. चुनाव प्रचार के दौरान, भारतीय जनता पार्टी हिंदू-मुस्लिम, मंदिर-मस्जिद, पाकिस्तान-गद्दार आदि मुद्दों के माध्यम से देश के लोगों के दिलों में दीवार खड़ी करके वर्तमान समस्याओं और महत्वपूर्ण मुद्दों से लोगों का ध्यान भटका देती है, इसका सबसे ताजा उदाहरण दिल्ली विधानसभा चुनाव है. जहां चुनावी प्रचार के दौरान भाजपा नेताओं के कई घृणित बयान आए, जो दोनों समुदायों के बीच एक दीवार बनाने के लिए पर्याप्त था. अब विदेशी मेहमानों के सामने अपनी विफलताओं को छिपाने और झूठे विकास का मॉडल दिखाने के लिए दीवार बनाई जा रही है.

राष्ट्रपित ट्रंप का दौरा कई मायने में अहम है इससे देश को काफी फायदा होने की उम्मीद जताई जा रही है लेकिन इसके पीछे अमेरिका में होने वाला चुनाव भी है नवंबर में अमेरिका में राष्ट्रपति का चुनाव है उससे पहले ट्रंप अमेरिका में बसे गुजरातियों को खुश करने की कोशिश कर रहे हैं. लेकिन सवाल ये उठता है कि हर मुद्दे पर सरकार को घेरने वाली कांग्रेस इस मुद्दे पर खामोश क्यों है. क्या गुजरात सरकार गरीबों के साथ दीवार खड़ी कर जो मजाक कर रही है उसके साथ कांग्रेस सहमत तो नहीं ?

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