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ISRO ने किया रडार इमेजिंग सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण, हर मौसम में रखेगा पृथ्वी पर नजर

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भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने एक और बड़ी सफलता हासिल की है. इसरो ने इस साल का अपना पहला सैटेलाइट 7 नवंबर की दोपहर करीब सवा तीन बजे सफल परीक्षण किया. इसको (ISRO) के इस सैटेलाइट को सतीश धवन स्पेस सेंटर से PSLV-C49 रॉकेट से लॉन्च किया गया. रॉकेट लॉन्च होने के बाद जब भारतीय सैटेलाइट EOS-01 पीएसएलवी रॉकेट से अलग हुआ तो रॉकेट में लगे ऑनबोर्ड कैमरे ने सैटेलाइट्स और धरती की खूबसूरत तस्वीरें लीं.

‘EOS-01’ (अर्थ ऑब्जर्वेशन सैटेलाइट) अडवांस्ड अर्थ ऑब्जरवेशन उपग्रह है जिसका सिंथेटिक एपर्चर रडार (SAR) दिन और रात की परवाह किए बिना बादलों को भेद कर भी हाई रेज्योल्युशन की तस्वीर लेने में सक्षम है. इसके अलावा नौ विदेशी सैटेलाइट भी लॉन्च किए गए.

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इस सफलता पर इसरो (ISRO) के अध्यक्ष के सिवन ने कहा, “इस महामारी के दौरान इसरो की टीम ने गुणवत्ता से समझौता किए बिना कोविड दिशानिर्देशों के अनुसार काम किया. इसरो के सभी कर्मचारियों को इस समय गुणवत्तापूर्ण काम करते देखना वास्तव में खुशी की बात है.”.

इस मिशन के बाद ISRO की दिसंबर में GSAT-12R कम्युनिकेशन सैटेलाइट लॉन्च करने की योजना है. जिसे PSLV-C50 रॉकेट के जरिए लॉन्च करने की योजना है. दिसंबर 2019 में ISRO ने अपना आखिरी सैटेलाइट लॉन्च किया था. ISRO ने 11 दिसंबर 2019 को रिसैट-2BR1 रॉकेट PSLV-C48 की मदद से लॉन्च किया था.

क्या है खासियत

इसरो (ISRO) का यह सैटेलाइट एक अर्थ ऑब्जरवेशन रिसेट सैटेलाइट है. इस एडवांस वर्जन में सिंथेटिक अपर्चर रडार (SAR) है जो किसी भी समय और मौसम में पृथ्वी पर नजर रखने की क्षमता रखता है. कहा यह भी जा रहा है कि इस सैटेलाइट से भारतीय सेना को अपनी सीमाओं पर नज़र रखने में काफी मदद मिलेगी. इसके अलावा सैटेलाइट का इस्तेमाल खेती, फॉरेस्ट्री और डिजास्टर मैनेजमेंट में हो सकता है.

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