अयोध्या केस में संवैधानिक बेंच का हिस्सा रहे जस्टिस अब्दुल नजीर और उनके परिवार के लोगों को जेड श्रेणी की सुरक्षा मुहैया कराई गई है। नजीर अयोध्या मामले पर फैसला सुनाने वाले 5 न्यायमूर्तियों में शामिल थे।
जस्टिस अब्दुल नजीर को प्रतिबंधित संगठन पॉपुलर फ्रंट ओफ इंडिया (पीएफआई) से खतरे को देखते हुए यह सुरक्षा देने का फैसला सरकार ने लिया है। सुरक्षा एजेंसियों ने अयोध्या मामले पर फैसला आने के बाद पीएफआई और अन्य से अब्दुल नजीर और उनके परिवार की जान को खतरा होने को लेकर आगाह किया है।
गृह मंत्रालय ने जस्टिस नजीर और उनके परिजनों को जेड कैटेगरी की सुरक्षा मुहैया कराने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (सीआरपीएफ) और स्थानीय पुलिस को आदेश दे दिया है। जस्टिस नजीर के परिवार को बेंगलुरु यात्रा के दौरान भी यह सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी. इस दौरान उनके साथ 22 पैरामिलिट्री के जवान रहेंगे वहीं पुलिस के जवान भी शामिल रहेंगे. साथ ही उन्हें जेड प्लस सुरक्षा दी जाएगी।
कौन हैं जस्टिस नजीर?
जस्टिस नजीर अयोध्या के अलावा तीन तलाक को गैरकानूनी करार देने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसले में भी जस्टिस नजीर 5 जजों की बेंच में शामिल रहे हैं। 61 वर्षीय जस्टिस नजीर कर्नाटक हाईकोर्ट में साल 1983 में वकील के तौर पर अपने करियर की शुरूआत की थी।