उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात से पुलिस की बर्बरता का एक वीडियो सामने आया था. जिसमें साफ देखा जा सकता है कि एक आदमी बच्चे को गोद में ले रखा है जिसपर अकबरपुर कोतवाल वीके मिश्रा जमकर लाठी बरसा रहे हैं. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एक बार फिर से योगी सरकार के पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़ा होने लगा है. वहीं इस मामले को लेकर भाजपा के सांसद वरुण गांधी ने भी सवाल खड़ा किया है.
भाजपा सांसद वरुण गांधी ने अपने ट्विटर अकाउंट पर एक वीडियो साझाकर लिखा है “सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके. यह नहीं कि न्याय मांगने वालों को न्याय के स्थान पर इस बर्बरता का सामना करना पड़े, यह बहुत कष्टदायक है. भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं है. सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कानून का भय हो, पुलिस का नहीं.”
सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कमजोर से कमजोर व्यक्ति को न्याय मिल सके।
यह नहीं कि न्याय मांगने वालों को न्याय के स्थान पर इस बर्बरता का सामना करना पड़े,यह बहुत कष्टदायक है।भयभीत समाज कानून के राज का उदाहरण नहीं है।
सशक्त कानून व्यवस्था वो है जहां कानून का भय हो,पुलिस का नहीं। pic.twitter.com/xoseGpWzZH
— Varun Gandhi (@varungandhi80) December 10, 2021
मिल रही जानकारी के मुताबिक जिला अस्पताल के बिल्कुल पास बन रहे मेडिकल कॉलेज के लिए खुदाई का काम चल रहा था, इसकी मिट्टी जिला अस्पताल में उड़कर आ रही थी. इसकी शिकायत करने के बाद भी जब कुछ नहीं हुआ तो कर्मचारियों ने विरोध शुरू कर दिया. लेकिन मौके पर पहुंची पुलिस ने लाठीचार्ज कर दिया. जिस आदमी को पुलिस पीट रही है उसका नाम पुनीत शुक्ला है और वह अस्पताल कर्मचारी नेता रजनीश शुक्ला का भाई है.
पुलिस जब पुनीत की पिटाई कर रही थी तो उसके गोद में उनकी बच्ची थी. पुनीत की पिटाई का ही वीडियो सोशल मीडिया में वायरल हो रहा है. इस मामले को लेकर सियासी बयानबाजी शुरू हो गई है और लोग योगी सरकार के पुलिसिया कार्रवाई पर सवाल खड़े कर रहे हैं, विवाद बढ़ता देख कानपुर देहात के एसएसपी केशव चौधरी ने अकबरपुर के एसएचओ विनोद कुमार मिश्र को लाइन हाजिर किया था. लेकिन उसके बाद कानपुर देहात के एडीजी ने आरोपी एसएचओ को सस्पेंड कर दिया है.
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