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विरोध के बाद कर्नाटक सरकार ने बदला फैसला, प्रवासी मजदूरों के लिए चलाई जाएंगी ट्रेन

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कर्नाटक सरकार द्वारा प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन रद्द करने के फैसला का कड़ा विरोध देखने को मिला है. इसके बाद अब कर्नाटक सरकार ने प्रवासी मजदूरों के लिए ट्रेन रद्द करने का फैसला बदल दिया है. येदियुरप्पा सरकार के इस फैसले की काफी आलोचना हो रही थी और विपक्ष भी हमलावर हो गया था. ट्रेन रोके जाने के बाद प्रवासी श्रमिकों ने अपने घर के लिए पैदल या साइकिल से चलना शुरू कर दिया था. इसे देखते हुए सरकार ने अपना फैसला वापस ले लिया है.

साथ इसकी भी घोषणा की गई है कि एक ट्रेन शुक्रवार को कर्नाटक से बिहार के लिए रवाना होगी. बिहार से अनुमति मिलने के बाद अब शुक्रवार (8 मई) से 15 मई तक हर दिन एक श्रमिक स्पेशल ट्रेन चलेगी. हालांकि अभी यूपी, राजस्थान, झारखंड, मणिपुर, त्रिपुरा, ओडिशा और बंगाल जैसे राज्यों से अनुमति का इंतजार है.

अन्य राज्यों के लिए भी ट्रेन शुरू की जाएंगी, लेकिन अभी इसका अंतिम निर्णय लिया जाना बाकी है. अन्य राज्यों के लिए ट्रेन तभी रवाना होगी जब संबंधित राज्य की सरकारें प्रवासियों के प्रवेश की इजाजत देंगी. ताजा स्थिति के मुताबिक बिहार ने अपने लोगों की वापसी के लिए हरी झंडी दिखा दी है. लिहाजा शुक्रवार को एक ट्रेन प्रवासियों को लेकर कर्नाटक से निकलेगी.

कर्नाटक की ओर से कुछ राज्यों को पत्र लिखकर उनके फैसले के बारे में जानकारी ली गई है. जिन-जिन राज्यों में प्रवासियों को भेजा जाना है, वहां के मुख्य सचिव, राजस्व विभाग और नोडल अधिकारी को पत्र भेजा गया है. ट्रेन चलाने को लेकर इन अधिकारियों से इजाजत मांगी गई है. संबंधित अधिकारियों की ओर से इजाजत मिलते ही टूरिस्ट, छात्र, तीर्थयात्रियों और श्रमिकों को ट्रेन के जरिये भेजने का काम शुरू कर दिया जाएगा. अभी तक बिहार ने इसकी अनुमति दे दी है.

मालूम हो कि इससे पहले ट्रेन रद्द होने के बाद बिहार और झारखंड के सैकड़ों की संख्या में मजदूर बेंगलुरु से पैदक ही अपने गृह राज्य के लिए निकल पड़े थे. इसके बाद विपक्ष ने येदियुरप्पा सरकार के खिलाफ विरोध जाहिर किया था जिसके बाद कर्नाटक सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा.