कर्नाटक में कांग्रेस के नेताओं ने पाठ्य पुस्तकों में संशोधन के मुद्दे को लेकर बेंगलुरु में विधानसभा के बाहर गांधी प्रतिमा के पास सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया, कांग्रेस ने पाठ्यपुस्तकों में ऐतिहासिक और प्रख्यात साहित्यकारों के कार्यों को हटाने या उसमें बदलाव कर उनका अपमान करने का आरोप लगाया है. इतना ही नहीं कर्नाटक के कई विद्वानों और शिक्षाविदों ने राज्य सरकार की समितियों और निकायों से इस्तीफा देकर राज्य में शिक्षा के चल रहे “भगवाकरण” का विरोध किया है.
विरोध प्रदर्शन कर रहे राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने कहा कि पाठ्यपुस्तक को रोहित चक्रतीर्थ (पाठ्यपुस्तक संशोधन समिति के प्रमुख) द्वारा संशोधित किया गया है, जो एक रूढ़िवादी RSS व्यक्ति है. मुझे उम्मीद है कि सरकार इसे संशोधित करने पर विचार करेगी. अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम सड़कों पर उतरेंगे.
वहीं इस मामले को लेकर कर्नाटक के मंत्री बी.सी. नागेश ने बीते दिनों मीडिया से बातचीत करते हुए कहा था कि कांग्रेस को अगर शिक्षा में दिलचस्पी होती तो वे मामले की विषयवस्तु पर बोलते. वे इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना चाहते हैं. कांग्रेस हर दिन नीचे आ रही है. वे छात्रों को गलत बातें सिखा रहे थे कि अकबर महान है और औरंगजेब ने देश को बदल दिया था.
इतना ही नहीं कर्नाटक के मंत्री बी.सी. नागेश ने आगे कहा कि हम जनता के सामने किताब में बदलाव पेश करेंगे, लोगों से सुनने के बाद हम देखेंगे कि हम सबसे अच्छा क्या कर सकते हैं. इस महीने की 15 तारीख के बाद छात्रों को किताबें मिलेंगी.
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