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प्रवासी मजदूरों के वापसी से कर्नाटक चिंतित, ट्रेंन कैंसिल कर कहा-अर्थव्यवस्था के लिए इनकी जरुरत

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लॉकडाउन की वजह से अलग-अलग राज्यों में फंसे प्रवासी मजदूर अपने-अपने घर लौट रहे हैं. रेल मंत्रालय इन मजदूरों को घर पहुंचाने के लिए श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चला रही है. इस बीच बड़ी संख्या में मजदूरों के लौटने से पंजाब और कर्नाटक सरकार की चिंता बढ़ गई है. कर्नाटक सरकार ने दो दिन पहले दूसरे राज्यों के प्रवासी श्रमिकों को घर भेजने के लिए ट्रेनों का इंतजाम करने का आश्वासन दिया था. अब खबर है कि राज्य की येडियुरप्पा सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को कैंसिल कर दिया है.

अंग्रेजी अखबार ‘टाइम्स ऑफ इंडिया’ की खबर के मुताबिक, येडियुरप्पा सरकार ने मंगलवार शाम को रेलवे को चिट्ठी लिखकर प्रवासी मजदूरों के लिए प्रस्तावित ट्रेनों को रद्द करने की जानकारी दी. हालांकि, सरकार ने ट्रेनों को रद्द करने का कोई कारण नहीं बताया है.

बता दें कि रेलवे ने बीतें तीन दिनों में बेंगलुरु से अलग-अलग राज्यों के लिए 8 श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई थीं. मंगलवार शाम तक रवाना हुई इन ट्रेनों में 10 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर अपने घर लौटे. ऐसे में सरकार के इस फैसले से श्रमिकों में निराशा है.

रिपोर्ट के मुताबिक, बताया जा रहा है कि मंगलवार दोपहर को सीएम बीएस येडियुरप्पा ने प्रमुख बिल्डरों और रियल एस्टेट इंडस्ट्रियलिस्ट के साथ मीटिंग की, इसके कुछ घंटे के बाद ही सरकार ने श्रमिक स्पेशल ट्रेनें फिलहाल नहीं चलाने का फैसला ले लिया.

कर्नाटक में बिहार, यूपी, झारखंड, ओडिशा, राजस्थान के ज्यादातर मजदूर काम करते थे. बीते तीन दिनों में यूपी और राजस्थान के लिए एक-एक ट्रेन और बिहार के लिए तीन ट्रेनें चलाई गईं. झारखंड के लिए दो ट्रेनें रवाना हुईं. इनमें 10 हजार 300 से ज्यादा मजदूर अपने घर लौटे हैं.

दरअसल, लॉकडाउन के तीसरे फेज में सरकार ने कई छूट दी है. इंडस्ट्री और मार्केट फिर से खुले हैं, लेकिन मजदूरों के चले जाने से काम ठीक से शुरू नहीं हो पा रहा है. सोमवार को राज्य के राजस्व मंत्री आर अशोक ने कहा था कि हम प्रवासी मजदूरों को यहीं रुकने के लिए मनाने की पूरी कोशिश करेंगे. इस दौरान उनकी हर जरूरत का ध्यान रखा जाएगा.

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