कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने केंद्र की मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा था कि हर रोज डीजल-पेट्रोल से टैक्स पर 1,000 करोड़ रुपए की आमदनी होती है. ये सारा पैसा कहां गया? वे (केंद्र सरकार) कह रहे हैं कि जनता को जितनी भी मुफ्त की सुविधाएं मिलती है वो बंद होनी चाहिए. सरकारी स्कूलों और अस्पतालों में फीस ली जानी चाहिए. उनके इस बयान पर भाजपा नेताओं ने पलटवार किया है.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि झूठ का रिकॉर्ड बनाने का काम किसी ने किया तो वो अरविंद केजरीवाल हैं, जो जनता को गुमराह करने का काम करते हैं. वो भली भांति जानते हैं कि आपदा के समय भी मनरेगा का बजट बढ़ाकर 1 लाख करोड़ किया गया जो कांग्रेस के समय मात्र 30 हजार करोड़ खर्च होता था. महामारी के समय 80 करोड़ गरीबों को 28 महीने तक मुफ्त राशन दिया. तो ये कहना कि अनाज को बंद किया गया है, अरविंद केजरीवाल जी का एक और झूठ है. अरविंद केजरीवाल जी की राजनीति झूठ से शुरू हुई थी और झूठ पर बनी हुई है.
केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने केजरीवाल पर पलटवार करते हुए कहा कि मेरे हिसाब से अरविंद केजरीवाल गैरज़िम्मेदारऔर झूठे हैं. हर मुद्दे पर वे झूठ बोलने की कोशिश करते हैं. कल सवाल उठे हैं कि दिल्ली के स्कूल अगर इतने अच्छे हैं तो AAP के विधायकों और मंत्रियों के बच्चे उस स्कूल में क्यों नहीं पढ़ते?.
दरअसल कल दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करते हुए कहा था कि अग्निपथ योजना जब लेकर आए तो कहा गया कि इसको लाने की जरूरत इसलिए पड़ी क्योंकि सैनिकों के पेंशन का खर्च इतना बढ़ गया कि केंद्र सरकार उसको बर्दाश्त नहीं कर पा रही. आज़ादी के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि कोई सरकार ऐसा कह रही है. पिछले कुछ दिनों से जिस तरह से जनता को मुफ्त में मिलने वाली सुविधाओं का विरोध किया जा रहा है कहा जा रहा है कि सारी मुफ्त की सुविधाओं को बंद किया जाए. क्या केंद्र सरकार की आर्थिक हालत ज्यादा खराब तो नहीं हो गई है.
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