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केरल: टीके का दोनों डोज लेने वाले भी बन रहे कोरोना का शिकार, लापरवाही पड़ सकती है भारी

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केरल में अन्य राज्यों की तुलना में सबसे ज्यादा कोरोना वायरस के मामले हैं. हर दिन देशभर में दर्ज होने वाले कोरोना के नए मामलों में 60 फीसदी से ज्यादा केस अकेले केरल से सामने आ रहे हैं. हैरानी की बात यह है कि केरल में हर दिन दर्ज होने वाले नए मामलों में कोरोना की दोनों डोज लेने वाले संक्रमितों की संख्या ज्यादा है. हालांकि राहत की बात यह कि ऐसे लोगों में सिर्फ कुछ ही लोगों को ऑक्सीजन या फिर आईसीयू की जरूरत पड़ती है. टीका लेने वाले लोग कोरोना की चपेट में आ तो जरुर रहे हैं. लेकिन ऐसे लोगों संक्रमण ज्यादा नुकसान नहीं पहुंचा पाती हैं.

आंकड़ों के मुताबिक केरल में पिछले 15 दिनों (19 अक्टूबर से 2 नवंबर) तक कोरोना संक्रमण के 1,19,401 मामले सामने आए हैं. इनमें से 1,00,593 टीकाकरण के पात्र हैं. हालांकि इनमें से 67,980 (57.9 फीसदी) लोगों ने टीके की दोनों या एक खुराक ली है. जबकि 40,584 (कुल 34.9 प्रतिशत) लोग कोरोना का दोनों टीका लगवा चुके हैं. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि कोरोना टीकाकरण से संक्रमण की गंभीरता को कम करने में मदद मिल सकती है.

स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि पिछले एक सप्ताह में 77,516 सक्रिय मामलों में से केवल 2 प्रतिशत को ऑक्सीजन बेड की आवश्यकता है और लगभग 1.5 प्रतिशत को आईसीयू में भर्ती कराया गया है. केरल में अब तक 95 फीसदी पात्र आबादी को कोरोना का टीका लगाया जा चुका है. जबकि इनमें से 52 फीसदी को दोनों डोज मिल चुकी हैं. केरल में पिछले 24 घंटों में कोरोना वायरस संक्रमण के 7,545 नए मामले सामने आए हैं. जबकि इस दौरान 136 संक्रमितों की मौत हुई है.

कोरोना रोधी टीके की दोनों खुराक लगवा चुके लोगों को भी सतर्क रहने की जरूरत है. ताजा शोध रिपोर्ट से पता चला है कि पूर्ण टीकाकरण के बाद लोग ना केवल संक्रमित हो रहे हैं, बल्कि ऐसे लोगों से परिवार के अन्य सदस्यों को संक्रमित बना रहे हैं.

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