गुजरात का आणंद जिला के खंभात में हुए सांप्रदायिक हिंसा के मामले में पुलिस ने भाजपा के पूर्व विधायक संजय पटेल सहित 18 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. जिनके लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है उसमें अधिकांश भाजपा और हिंदू संगठनों के पदाधिकारी और कार्यकर्ता होने की जानकारी प्राप्त हो रही है. इन तमाम लोगों के खिलाफ रायोटिंग, बिना इजाजत भीड़ इकट्ठा करने और भड़काऊ भाषण देने का मामला दर्ज किया गया है.
खंभात में जिन लोगों के खिलाफ पुलिस ने मामला दर्ज किया है उनमें बीजेपी के पूर्व विधायक संजय पटेल, पिनाकिन ब्रह्मभट्ट (शहर भाजपा अध्यक्ष), कल्पेश पंडित (शहर भाजपा उपाध्यक्ष), योगेश शाह (भाजपा कार्यकर्ता), नानका भाई पटेल (रामसेना), जयवीर जोषी (रामसेना) नंदकिशोर ब्रह्मभट्ट (वीएचपी), केतन पटेल (हिंदू जागरण मंच), नीरव जैन (हिंदू जागरण मंच), अशोक खलासी (भाजपा पार्षद), राजूभाई राणा (भाजपा पार्षद), बलराम पंडित (भाजपा कार्यकर्ता), पार्थिव पटेल (भाजपा कार्यकर्ता) और मंगो शाह (पूर्व पार्षद) का नाम शामिल है.
गौरतलब हो कि जब गुजरात सरकार नमस्ते ट्रंप कार्यक्रम को सफल बनाने की कोशिश कर रही थी उसी दौरान आणंद जिला में मौजूद खंभात सांप्रदायिक दंगा की आज में जल रहा था. दंगा के बाद गुजरात सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए आणंद एसपी मकरंद चौहान और खंभात डीवाईएसपी रीमा मुंशी को तत्काल प्रभाव से बदली करते हुए छुट्टी पर उतार दिया. ऐसे में सवाल ये उठता है कि गुजरात की बीजेपी सरकार ने पुलिस के इन अधिकारियों के खिलाफ जैसे तत्काल प्रभाव से कार्रवाई की थी उसी तरीके से आरोपियों के खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी?