संयुक्त किसान मोर्चा ने उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में होने वाले हिंसा मामले को लेकर केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा को केंद्रीय मंत्रिमंडल से हटाने की मांग करते हुए आज छह घंटे तक देशव्यापी ‘रेल रोको’ आंदोलन का आह्वान किया है. किसानों के इस आंदोलन का कई राज्यों में असर भी दिखने लगा है. मिल रही जानकारी के अनुसार दिल्ली- रोहतक और दिल्ली- अम्बाला रूट पर फिलहाल ट्रेनों को बंद कर दिया गया है. जिसकी वजह से कई ट्रेनों की आवाजाही पर असर पड़ा है.
किसानों के रेल रोको आंदोलन का सबसे ज्यादा असर हरियाणा और पंजाब में दिखाई दे रहा है. संयुक्त किसान मोर्चा के रेल रोको आंदोलन के आह्वान पर प्रदर्शनकारी बहादुरगढ़ में रेलवे ट्रैक पर बैठकर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इसके अलावा रेल रोको आंदोलन के आह्वान के मद्देनज़र सोनीपत जंक्शन रेलवे स्टेशन पर बड़ी संख्या में सुरक्षा बल तैनात किया गया है. पंजाब के देवीदास पुरा गांव में भी किसान रेलवे ट्रैक पर बैठकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
उत्तर प्रदेश में ट्रेन रोकने पर लगेगा एनएसए
लखनऊ पुलिस ने इस सिलसिले में जानकारी देते हुए बताया कि किसान संगठनों द्वारा बुलाए गए रेल रोको आंदोलन में हिस्सा लेने वालों लोगों के खिलाफ पुलिस कार्रवाई करेगी. ज़िले में सीआरपीसी की धारा 144 लगाई गई है, अगर कोई सामान्य स्थिति को बाधित करने की कोशिश करता है तो उस पर एनएसए लगाया जाएगा.
किसान संगठनों के रेल रोको आंदोलन पर भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने कहा कि ये अलग-अलग ज़िलों में अलग-अलग जगह होगा. पूरे देश में वहां के लोगों को पता रहता है कि हमें कहां ट्रेन रोकनी है. भारत सरकार ने अभी हमसे कोई बात नहीं की है.
गौरतलब है कि मोदी सरकार द्वारा लागू तीनों कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है. कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर किसान बीते कई माह से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. जहां एक तरफ किसान सड़क पर उतरकर आंदोलन कर रहे हैं. वहीं सरकार इन कानूनों को किसानों के लिए फायदेमंद होने का दावा कर रही है. किसान और विपक्ष मोदी सरकार पर नए कृषि कानूनों को लेकर हमलावर है.
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