स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं. कुणाल कामरा (Kunal Kamra) के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना की याचिका पर शुक्रवार को सुनवाई हुई. इसमें कोर्ट ने कामरा (Kunal Kamra) को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. कोर्ट ने कामरा से 6 हफ्ते में जवाब मांगा है कि आखिर क्यों उनके खिलाफ अवमानना का केस न चलाया जाए.
कुणाल (Kunal Kamra) के अलावा एक दूसरे अवमानना मामले में कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट ने सख्ती दिखाई है. कुणाल (Kunal Kamra) और रचिता को छह हफ्ते के भीतर इसका जवाब देने हैं कि उनके खिलाफ अवमानना का मामला क्यों नहीं चलाना चाहिए? साथ ही कोर्ट ने कहा कि कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को इसके लिए कोर्ट में पेश होने की जरूरत नहीं है.
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रचिता के खिलाफ क्या था मामला
अटॉर्नी जनरल के के वेणुगोपाल के शीर्ष अदालत के खिलाफ ट्वीट्स के लिए कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा के खिलाफ अवमानना कार्यवाही शुरू करने की अनुमति देने के बाद याचिका दाखिल की गई थी, जिसे मंजूरी मिल गई थी. मालूम हो कि किसी भी शख्स के खिलाफ अवमानना की कार्रवाई के लिए, कंटेंप्ट ऑफ कोर्ट एक्ट 1975 की धारा 15 के तहत अटार्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की सहमति जरूरी होती है.
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को दायर याचिकाओं पर हुई सुनवाई के बाद अपना फैसला आज के लिए सुरक्षित रख लिया था. इस मामले की सुनवाई जस्टिस अशोक आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने की.
कामरा ने कसा था तंज
याचिका में कुणाल कामरा (Kunal Kamra) पर न्यायपालिका पर कई विवादित ट्वीट करने का आरोप लगाया गया था. कुणाल कामरा ने विशेष तौर पर मुख्य न्यायाधीश एसए बोबड़े और जस्टिस डीवाई चंद्रचुड़ पर तंज कसा था. कामरा ने 11 नवंबर को ट्वीट कर जस्टिस चंद्रचुड़ और जस्टिस इंदिरा बनर्जी द्वारा रिपब्लिक टीवी के एडिटर इन चीफ अर्णब गोस्वामी को सुसाइड के लिए उकसाने वाले साल 2018 के एक मामले में अंतरिम जमानत दी थी जिसके बाद कामरा ने तंज कसा था.