राजद प्रमुख लालू यादव को कथित तौर पर कोरोना वारयस संकट से बचाने के लिए बुधवार को रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित कर दिया गया.
चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू प्रसाद को इलाज के लिए रिम्स निदेशक के बंगले में शिफ्ट किया गया है.
झारखंड के सबसे बड़े चिकित्सा संस्थान राजेन्द्र आयुर्विग्यान संस्थान (रिम्स) की कार्यकारी निदेशक डॉ. मंजू गड़ी ने बताया कि लालू प्रसाद यादव को रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित कर दिया गया क्योंकि उन्हें रिम्स के पेइंग वार्ड में कोरोना वायरस संक्रमण होने की आशंका थी.
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उन्होंने बताया कि झारखंड के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता, राज्य सरकार के अधिकारियों एवं रिम्स के सामूहिक फैसले के तहत यह निर्णय लिया गया है.
‘लालू के चिकित्सा कर्मी संक्रमित नहीं’
रिम्स निदेशक ने स्पष्ट किया कि लालू यादव की चिकित्सा कर रहे डॉ. उमेश प्रसाद एवं उनके सहयोगी किसी चिकित्सक तथा चिकित्सा कर्मी को कोरोना वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया था.
लेकिन उनके वार्ड के बाहर सुरक्षा में तैनात तीन सुरक्षाकर्मियों को कुछ दिनों पूर्व कोरोना वायरस संक्रमित पाया गया था.
एहतियातन लालू को कोरोना संक्रमण के किसी खतरे से बचाने के लिए निदेशक के बंगले में स्थानांतरित किया गया है.
पांच सेवादारों की मांग
करीब दो एकड़ में फैले इसे बड़े बंगले में लालू प्रसाद की सेवा के लिए पांच सेवादारों की मांग की गई है.
इसमें तीन रसोईया, दो सफाईकर्मी और एक माली शामिल है.
रिम्स प्रबंधन अधिकारियों ने आउटसोर्सिंग कंपनी को पांच स्टाफ उपलब्ध कराने का निर्देश भी दे दिया है.
तीनों रसोईया शिफ्ट के अनुसार खाना बनाएंगे.
वहीं इनका भुगतान किस मद से होगा, यह अभी रिम्स अधिकारी नहीं बता रहे हैं.
वहीं आउटसोर्सिंग कंपनी का कहना है कि पांच स्टाफ पर प्रतिदिन दो हजार से पांच हजार रुपये खर्च होंगे.
2017 से रिम्स में भर्ती हैं लालू
लालू यादव चारा घोटाले के तीन विभिन्न मामलों में चौदह वर्ष तक की कैद की सजा मिली है.
इसके बाद 23 दिसंबर, 2017 से इलाज के लिए न्यायिक हिरासत में रिम्स में भर्ती हैं.
हालांकि मुख्य विपक्षी दल भाजपा ने लालू को रिम्स निदेशक के बंगले में स्थानांतरित करने का विरोध किया है.