नई दिल्ली: तीनों कृषि कानूनों को निरस्त करने की प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के बाद गाजीपुर सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों ने किसान जिंदाबाद के नारा लगाया. इतना ही नहीं कृषि क़ानूनों को वापस लेने की घोषणा के बाद गाज़ीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे किसानों ने जलेबियां बांटी, पीएम मोदी ने तीनों कृषि कानूनों को रद्द करने का ऐलान कर दिया है. लेकिन किसानों का आंदोलन अब भी जारी है और आगे भी जारी रहेगा.
पीएम मोदी के इस ऐलान के बाद किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतज़ार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा. सरकार MSP के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें. टिकैत ने आगे कहा कि जब तक तीनों कृषि क़ानून संसद में वापस नहीं होते हैं तब तक किसान वहीं पर है. यह किसानों की जीत है. इस जीत का श्रेय उन 700 किसानों को जाता है, जिनकी एक साल के अंदर मृत्यु हुई. यह संघर्ष और लंबा चलेगा और जारी रहेगा.
किसान नेता दर्शन पाल सिंह ने कहा कि हम प्रधानमंत्री के निर्णय का स्वागत करते हैं लेकिन इसका श्रेय किसान संगठन, किसान आंदोलन और संयुक्त किसान मोर्चा को जाता है. मैं किसानों को बधाई देता हूं. हमारा संघर्ष जारी रहेगा. एक दो-दिन में हम संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक बुलाएंगे उसमें फ़ैसला लेंगे कि आगे क्या करना है.
ऑल इंडिया किसान सभा के महासचिव हन्नान मौला ने कृषि कानूनों को रद्द करने के फैसले पर कहा कि 26 नवंबर को किसान आंदोलन को एक साल होगा उस दिन पूरे देश में लाखों किसान रास्तों पर उतरेंगे. अभी आधी मांग पूरी हुई है. जब तक MSP एक्ट पास नहीं होगा, किसानों को कोई फायदा नहीं होगा. इसके लिए हमारा आंदोलन जारी रहेगा. मैं इस घोषणा का स्वागत करता हूं, जब तक सदन से इस घोषणा पर कार्यवाही नहीं होती है तब तक यह कोशिश संपूर्ण नहीं होगी. इससे हमारे किसानों की समस्या हल नहीं होगी. MSP के लिए हमारा आंदोलन जारी है और जारी रहेगा.
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